S-400 डील पर अमेरिका बोला- प्रतिबंधों का मकसद सहयोगियों को नुकसान पहुंचाना नहीं

CAATSA Not Intended to Damage Allies Capabilities says US
S-400 डील पर अमेरिका बोला- प्रतिबंधों का मकसद सहयोगियों को नुकसान पहुंचाना नहीं
S-400 डील पर अमेरिका बोला- प्रतिबंधों का मकसद सहयोगियों को नुकसान पहुंचाना नहीं
हाईलाइट
  • अमेरिका ने कहा
  • रूस पर प्रतिबंध लगाने का मकसद अपने सहयोगियों और पार्टनरों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करना नहीं है।
  • डील फाइनल करने से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अगर ये डील होती है तो अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है।
  • भारत ने शुक्रवार को रूस के साथ बहुचर्चित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील फाइनल कर दी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को रूस के साथ बहुचर्चित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील फाइनल कर दी। डील फाइनल करने से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि अगर ये डील होती है तो अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है, लेकिन अमेरिका के तेवर अब नरम पड़ गए हैं। इस डील के फाइनल होने के बाद अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि प्रतिबंध को लागू करने का मकसद अपने सहयोगियों और पार्टनरों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करना नहीं है। बता दें कि अमेरिका ने अमेरिकी कानून काउंटरिंग अमेरिकाज एडवाइजरीज थ्रू सैंक्सन्स एक्ट (CAATSA) के जरिए रूस से किसी भी तरह की रक्षा खरीद पर रोक लगा रखी है।

भारत पर ऐंटी-रूस प्रतिबंधों का क्या असर होगा इस सवाल पर अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता जेन्नी ली ने कहा, "CAATSA के सेक्शन 231 पर विचार हर एक ट्रांजैक्शन के आधार पर होगा। CAATSA को लागू करने का हमारा मकसद रूस के डिफेंस सेक्टर में पैसे के प्रवाह को रोकना और उसके बर्ताव के लिए दंडित करना है। अमेरिका का मकसद ये नहीं है कि वह अपने सहयोगियों और पार्टनरों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करे। बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंध लगा दिए थे। अमेरिका ने यह भी कहा था कि भारत अगर रूस के साथ S-400 मिसाइल डील करता है तो उस पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

S-400 समझौते के तहत भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के 5 सेट खरीदेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के बाद नई दिल्ली में इस डील पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और रूस के बीच कुल 8 समझौते हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को ही हैदराबाद हाउस में डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई। S-400 को रूस का सबसे अडवांस लॉन्ग रेंज सर्फेस-टु-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। 

 

Created On :   5 Oct 2018 9:10 PM IST

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