मैथ्स में कमजोर देशों को जापानी कंपनी CASIO करेगी ट्रेंड

CASIO contributes to mathematics education of emerging country
मैथ्स में कमजोर देशों को जापानी कंपनी CASIO करेगी ट्रेंड
मैथ्स में कमजोर देशों को जापानी कंपनी CASIO करेगी ट्रेंड

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। घरेलू और व्यापारिक इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनी कैसिओ ने ASEAN (एसोसिएशन ऑफ़ साउथ ईस्ट नेशन) देशों में गणित का स्तर सुधारने का बीड़ा उठाया है। कंपनी ने टोक्यो में होने वाले अपने द्वितीय साइंटिफिक इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर सेमीनार में दुनिया भर के टीचर्स को न्यौता दिया है। जिसमें यह दिखाया जाएगा कि अपने मैथ्स के हुनर को सुधारने के लिए किस तरह से कैलकुलेटर का उपयोग किया जा सकता है।

इस पर गणित के टीचर बेर्री किस्सैन कहते है "हमने यह सीख लिया है कि कैलकुलेटर का उपयोग केवल जोड़ने या घटाने में नहीं होता, इससे मैथ्स और उसकी बारीकियां भी सीखी जा सकती है।"

बांग्लादेश के छात्र ने बताया कि "बांग्लादेश में दूर-दूर तक कोई भी शिक्षक गणित का उपयोग असल जीवन में नहीं करता, अगर क्लास में कैलकुलेटर का उपयोग गणित सीखने के उपकरण के तौर पर हो तो क्लास और भी ज्यादा अच्छी और मददगार हो सकती है। सारे शिक्षकों ने ढाका में हुए सेमीनार के बाद बताया कि वह बहुत उत्साहित महसूस कर रहे हैं और उनके अनुसार अब शिक्षण व्यवस्था को बदला जा सकता है।"

इंडोनेशिया में एक ट्रेनी के मुताबिक़, "कैलकुलेटर के उपयोग से मैथ्स की कई गहरी अवधारणाओ के बारे में जाना।"

टोक्यो सेमीनार के सफलता को देखते हुए 40 सेमीनार ढाका में आयोजित किए गए। जिनमें शिक्षकों ने गाइडबुक के जरिए यह जाना कि क्लास में पढ़ाने के दौरान कैलकुलेटर का उपयोग कैसे किया जाए। इन्ही गाइडबुक का उपयोग करते हुए लगभग 430 विद्यालयों के शिक्षकों ने साइंटिफिक इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर का उपयोग करना सीखा। बांग्लादेश में साइंटिफिक कैलकुलेटर्स का उपयोग पहले ही शुरू कर दिया है।

ASEAN दस देशों का समूह है जिनमे इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलिपीन, कम्बोडिया, म्यांमार, ब्रुनाई और लाओस आते हैं। सिंगापुर को छोड़ दिया जाए तो समूह के बाकी देशों में गणित की स्थित बहुत अच्छी नहीं है, यहां तक की शिक्षण संस्थान भी दूसरे समृद्ध देशों के बढ़ते गणित के रुझानों और स्तर के साथ चलने में भी सक्षम नहीं दिख रही है। गणित का स्तर सुधारने के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा।

 

Created On :   26 April 2018 7:04 PM IST

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