चीन का दावा, विवादित साउथ चाइना सी में देखे गए अमेरिका के दो युद्धक जहाज

- अमेरिका का यह कदम चीन को भड़काने का काम कर सकता है।
- दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा जताता रहा है और ताइवान के साथ इस क्षेत्र को लेकर चीन का विवाद है।
- विवादित समुद्री क्षेत्र दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के दो युद्धक जहाज देखे जाने का दावा रविवार को चीन ने किया है।
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। विवादित समुद्री क्षेत्र दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के दो युद्धक जहाज देखे जाने का दावा रविवार को चीन ने किया है। अमेरिका का यह कदम चीन को भड़काने का काम कर सकता है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा जताता रहा है और ताइवान के साथ इस क्षेत्र को लेकर चीन का विवाद है।
फ्रीडम ऑफ नेविगेशन दिया ऑपरेशन का नाम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि जहाजों पर गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और गाइडेड मिसाइल क्रूजर लगे थे और ये पार्सेल आईलैंड के करीब 12 नॉटिकल मील की दूरी पर थे। ट्री, लिंकन, ट्रिटन और वुडी आईलैंड के पास अमेरिका के जंगी बेड़ों ने अभ्यास किया। अमेरिका ने इन अभियानों को फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का नाम दिया है। अमेरिका ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब वह नार्थ कोरिया के साथ न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर वार्ता करना चाहता है। इसके लिए वह चीन से सहयोग की अपेक्षा कर रहा है।
सैन्याभ्यास में चीन को नहीं किया शामिल
अमेरिका ने इस ऑपरेशन की कई महीने पहले ही योजना बनाई थी और ऐसे ऑपरेशन रूटीन बन गए हैं। लेकिन, अमेरिकी नौसेना की ओर से किए जाने वाले अभ्यास से चीन को बाहर किए जाने के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में असहजता है। हाल ही में अमेरिका ने 2018 में होने वाले सबसे बड़े समुद्री सैन्याभ्यास में चीन को शामिल नहीं किया है। इसके लिए चीन को न्योता भेजा गया था, लेकिन पेंटागन ने इसे ये कहकर वापस ले लिया कि चीन का व्यवहार इस ट्रेनिंग के मकसद और नीतियों के खिलाफ है। इस सैन्याभ्यास को रिम ऑफ द पैसेफिक कहा जा रहा है। इसमें ब्रिटेन और भारत समेत दुनिया के 20 देश शामिल होते हैं।
चीन के व्यवहार पर नहीं दिखेगा ज्यादा असर
हालांकि इस ऑपरेशन के आलोचको का कहना है कि चीन के व्यवहार पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है क्योंकि ये अभियान सांकेतिक ज्यादा हैं। अमेरिकी सेना की दुनिया की कई जगहों पर मौजूदगी है और उसके ऑपरेशंस चलते रहते हैं। यही नहीं उसके सहयोगियों के दावे वाले क्षेत्र में भी उसकी मौजूदगी रही है। इसका राजनीतिक उद्देश्यों से कोई सीधा संबंध नहीं रहा है।
Created On :   27 May 2018 7:47 PM IST