चीन के संविधान में हुआ बदलाव, अब जीवन भर प्रेसिडेंट बने रह सकते हैं शी जिनपिंग

China clears way for Xi Jinping to rule for life
चीन के संविधान में हुआ बदलाव, अब जीवन भर प्रेसिडेंट बने रह सकते हैं शी जिनपिंग
चीन के संविधान में हुआ बदलाव, अब जीवन भर प्रेसिडेंट बने रह सकते हैं शी जिनपिंग
हाईलाइट
  • संशोधन के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आजीवन देश के नेता बने रह सकते है।
  • इस समय शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल चल रहा है। ये कार्यकाल 2023 में पूरा होगा।
  • चीनी विधायिका ने रविवार को उस कानून को बदल दिया है
  • जिसमें दो बार से ज्यादा किसी भी राष्ट्रपति को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं थी।

डिजिटल डेस्क, बीजिंग।  चीनी विधायिका ने रविवार को उस कानून को बदल दिया है, जिसमें दो बार से ज्यादा किसी भी राष्ट्रपति को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं थी। इस संशोधन के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आजीवन देश का नेता बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, ये पहले से ही तय माना जा रहा था कि असेंबली में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की ओर से प्रस्तावित संविधान संशोधन को पारित कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस समय शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल चल रहा है। ये कार्यकाल 2023 में पूरा होगा।

 



दो-तिहाई सांसदों ने पक्ष में की वोटिंग
रविवार का दिन चीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा। राष्ट्रपति के कार्यकाल की दो साल की बाध्यता को खत्म करने के लिए असेंबली में संविधान संशोधन लाया गया।  सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की तरफ से लाए गए इस संशोधन को मतदान के बाद मंजूरी मिल गई। चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों में से दो-तिहाई ने देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की अधिकतम दो कार्यकाल की अनिवार्यता खत्म करने के कानून को मंजूरी दी।  मतदान से पहले एनपीसी के अध्यक्ष झांग देजिआंग ने अपनी कार्य रिपोर्ट में कहा था, "एनपीसी की स्थाई समिति का प्रत्येक सदस्य संविधान में संशोधन की मंजूरी देता है और उसका समर्थन करता है।" माओ के बाद शी को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाने लगा है क्योंकि वह सीपीसी और सेना दोनों के प्रमुख तथा देश के राष्ट्रपति हैं।

 



तानाशाही से बचने के लिए था नियम
पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग के बाद पिछले दो दशक से पार्टी के नेता दो कार्यकाल की अनिवार्यता का पालन करते रहे थे ताकि तानाशाही से बचा जा सके। माओ चीन के निर्विवादित नेता थे, जो वर्ष 1949 से लेकर मृत्यु तक वर्ष 1976 तक देश के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने चीन पर 27 साल शासन किया। इसके बाद डेंग चीन के सर्वोपरि नेता बने और वर्ष 1997 में अपनी मृत्यु तक कुल 18 वर्षों तक शासन किया। वो वहां के आध्यात्मिक नेता भी रहे।

 

Related image



दोबारा आ जाएगा माओत्से तुंग का शासनकाल
जानकारों के  मुताबिक संविधान संशोधन से चीन वापस से माओत्से तुंग के शासनकाल में चला जाएगा। इस तरह के स्थाई शासन का अंत कभी भला नहीं होता, भविष्य में यह मुद्दा अब सिर्फ चीन का ना होकर के पूरे विश्व पर अपना प्रभाव डालेगा और इस मुद्दे के कारण चीन को बहुत ही अनिश्चित और संभावित संघर्ष देखने को मिल सकते हैं। मालूम हो कि 64 वर्षीय शी जिनपिंग 2012 में चीन के राष्ट्रपति बने है, इससे पहले वह सीपीसी के अध्यक्ष और सेना प्रमुख थे। शी ने पिछले पांच वर्षों में पूरी तरह से चीन के प्रशासन और सशस्त्र सेना को चुस्त दुरुस्त किया और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम किया। उन्होंने इसके लिए एंटी करप्शन कैंपेन चलाया। इस तरह से शी ने पार्टी चीन के सभी केंद्र बिंदुओ पर अपना नियंत्रण कड़ा किया। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन ने एक अपनी मिलिट्री पावर को लेकर दक्षिणी चीन सागर में एक प्रोजेक्ट शुरु किया और चीन के आर्थिक प्रभावों को वन बेल्ट वन रोड शो के जरिए एशिया से अफ्रीका, लैटिन अमेरिका का पहुंचाने को कोशिश शुरू की। इसके तहत अपने बुनियादी ढ़ाचे को मजूबत करने का काम शुरु किया।

अमेरिका में भी एक दिन ऐसा होगा
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में राष्ट्रपति पद के लिए किसी व्यक्ति के असीमित कार्यकाल के प्रस्ताव पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि शायद अमेरिका में भी एक दिन ऐसा होगा। उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है कि चीन के राष्ट्रपति हमेशा के लिए राष्ट्रपति भवन में रह सकते हैं।" ट्रम्प ने आगे कहा कि शी जिनपिंग महान हैं, और अब वे असीमित समय तक चीन के राष्ट्रपति रह सकते हैं। बता दें कि अमेरिका के संविधान के अनुसार कोई भी नागरिक अधिकतम दो कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति बन सकता है।

Created On :   11 March 2018 5:41 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story