अजहर मसूद मामले में अड़ंगा लगाकर चीन बोला- 'हम भारत के सच्चे दोस्त'

China govt comment in favor of indian relation after masood azhar case
अजहर मसूद मामले में अड़ंगा लगाकर चीन बोला- 'हम भारत के सच्चे दोस्त'
अजहर मसूद मामले में अड़ंगा लगाकर चीन बोला- 'हम भारत के सच्चे दोस्त'

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन सरकार ने गुरुवार को भारत के खिलाफ अजहर मसूद मामले में अड़ंगा लगाकर शुक्रवार को अपने सुर बदल लिए। उसने शुक्रवार को बयान देते हुए खुद को भारत का सच्चा दोस्त बताया है। चीन के सहायक विदेश मंत्री चेंग जियोदोंग ने शुक्रवार को कहा कि भारत चीन का महत्वपूर्ण पड़ोसी है, जिसे चीन काफी महत्व देता है। जबकि एक दिन पहले ही गुरुवार को चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने के प्रयास पर पेंच फंसाया था।

 

चेंग और अन्य मंत्री राष्ट्रपति शी जिनपिंग के वियतनाम और लाओस दौरे के मद्देनजर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति 10 से 14 नवंबर तक के लिए इन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। शुक्रवार को चेंग जियोदोंग ने कहा कि बीजिंग "चीनी विशेषता के साथ पड़ोसी कूटनीति" के तहत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है। चेंग ने कहा कि भारत चीन का महत्वपूर्ण पड़ोसी है, जिसे चीन काफी महत्व देता है। 

 

विदेश मंत्री चेंग जियोदोंग ने कहा, ‘भारत चीन का महत्वपूर्ण पड़ोसी है। चीन भारत के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है और हम चीनी विशेषता के साथ पड़ोसी कूटनीति के तहत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत के साथ मिलकर पहले से ही काम कर रहे हैं।’

 

चीन का यह रवैया उसका दोहरा मानदंड

आतंकी मसूद अजहर पर यूएन के बैन पर चीन के अड़ंगे को लेकर भारत ने कहा है कि हमारा संकल्प कमजोर नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि हम एक बार फिर काफी निराश हुए हैं। एक अकेले देश ने अंतरराष्ट्रीय आम सहमति रोक दी, लेकिन एक अकेले देश के चलते हमारी लड़ाई कमजोर नहीं होगी। विदेश मंत्रालय ने चीन के इस रवैये को दोहरा मानदंड करार दिया।

 

चीन ने लगाया था अड़ंगा

गौरतलब है कि पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अजहर को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने की तैयारी कर रहे थे। इस मामले में गुरुवार को चीन ने अड़ंगा लगा दिया था। इस मुद्दे पर चीन ने कहा है कि अभी इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पाई है। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद को अमेरिका पहले ही प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में डाल चुका है।

 

चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था, "हमने तकनीकी रोक इसलिए लगाई थी ताकि कमिटी और मेंबर्स को इस मुद्दे पर विचार के लिए अधिक समय मिले, लेकिन अभी भी आम सहमित नहीं बन पाई है।" यह लगातार दूसरा साल है जब चीन ने इस प्रस्ताव को ब्लॉक किया है। पिछले साल चीन ने इसी कमिटी के सामने भारत के आवेदन पर अड़ंगा लगाया था।

Created On :   3 Nov 2017 1:49 PM GMT

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