BRI को भू राजनीतिक हथकंडा करार देना गलत : चीन

China justify BRI, it is wrong to say a word - a political stunt
BRI को भू राजनीतिक हथकंडा करार देना गलत : चीन
BRI को भू राजनीतिक हथकंडा करार देना गलत : चीन

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना "बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव" को भू राजनीतिक हथकंडा बताए जाने पर चीन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। नेशनल पीपल्स कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा है कि "बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना को राजनीतिक हथकंडा कहना गलत है, यह कह कर इस परियोजना का गलत मतलब निकाला जा रहा है।" बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (BRI) एशियाई देशों- अफ्रीका, चीन और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और सहयोग को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। भारत BRI के विरोध में है, क्योंकि इसमें CPEC शामिल है जो पाकिस्तान-कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजरेगी। BRI परियोजना के तहत प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए एशिया को यूरोप और अफ्रीका से रेल, समुद्र और सड़क मार्ग के जरिए जोड़ा जाएगा।

भारत पहले भी जाहिर कर चुका है चिंता 
प्रवक्ता ने आगे कहा कि पांच साल पहले राष्ट्रपति शी ने इस परियोजना को शुरू करने की बात रखी थी। वहीं पिछले पांच सालों में यह परियोजना सभी दलों के आपसी सहयोग के कारण आगे बढ़ रही है, और अब इस योजना के क्रियान्वयन का वक्त आ गया है। गौरतलब है कि पिछले साल भारत ने चीन द्वारा आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार किया था। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाली इस परियोजना पर अपनी अस्वीकृति जताई थी। बता दें कि कई देशों ने इस परियोजना पर अपनी असहमति जताई थी, वहीं चीन ने 74 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा BRI के सहयोग पत्र पर हस्ताक्षर प्राप्त कर लेने का दावा किया है। बता दें कि अमेरिका भी इस परियोजना को मुनाफा पैदा करने वाली परियोजना करार दे चुका है। 

जानें क्या है योजना का सच
बता दें कि BRI की CPEC परियोजना के तहत चीन का पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक पहुंच का रास्ता साफ हो जाएगा, जिससे हिंद महासागर में चीन की सामरिक उपस्थिति बढ़ाने की क्षमता में वृद्धि होगी। बता दें कि पाकिस्तान के पास भी इस परियोजना की मदद से हिंद महासागर में अपनी सामरिक उपस्थिति बढ़ाने की क्षमता में वृद्धि होगी।

चीन का BRI प्रोजेक्ट दो भागों में विभाजित है:-

1. वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव 
2. मेरीटाइम सिल्क रोड प्रोजेक्ट

भारत पर BRI का नेगेटिव प्रभाव:-

1) चीन के बंदरगाह, नेवल बेस और सरवेलिअन्स पोस्ट भारत के आस पास तैयार किये जा रहे है। ये भारत के समुद्री क्षेत्र को चारों ओर से घेरता है, जिसे कहा जाता है "स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स"।

2) चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC)- ये पास पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है, जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। चीन ने ये पास बनाते वक्त भारत की मंजूरी नहीं ली जो भारत के लिए चिंता का विषय है। 

3) चीन अपनी इन योजनाओं से कई विकासशील देशों में निवेश कर रहा है जिसका सीधा असर भारत और देशो के बीच होने वाले व्यापार पर पड़ेगा। 

4) अगर भारत OBOR प्रोजेक्ट में शामिल होता है तो चीनी कंपनी भारत को सुपरवाइस करेगी, जिसमें देश के लोगों को कोई रोजगार नहीं मिलेगा और चीन हमारे नागरिकों के फायदे के बारे में नहीं सोचेगा। 

भारत पर BRI का पॉजिटिव प्रभाव:- 

1) हमारे देश में सबसे बड़ी कमी इंफ्रास्ट्रक्चर की है। अगर भारत इस प्रोजेक्ट में शामिल होता है तो वो चीन की टेक्नोलॉजी और निवेश का अच्छा खासा इस्तेमाल कर सकता है। 

2) अगर भारत इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनता है तो भारत के व्यापारिक संबंध यूरेशियन देशों से बहुत अच्छे हो जाएंगे।  
 

Created On :   4 March 2018 7:40 PM IST

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