चीन ने पहली बार दक्षिण चीन सागर में उतारे बॉम्बर्स, यूएस ने दी वॉर्निंग

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन ने पहली बार दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर बमवर्षक विमान ( लॉन्ग रेंज बॉम्बर्स ) उतारे हैं। जिससे इलाके में विवाद बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। चीन की एयर फोर्स ने बताया कि हाल ही में उनके H-6K बमवर्षक समेत फाइटर जेट्स ने दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरने और उतरने की ट्रेनिंग ली है। वहीं लड़ाकू विमानों की तैनाती को लेकर अमेरिका गुस्से में है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि चीन के इस कदम से तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी।
यूएस ने दी तनाव बढ़ने की चेतावनी
पीपुल्स लिबरेशन एयर फोर्स के मुताबिक ट्रेनिंग से वायु सेना के पूरे क्षेत्र में पहुंचने और सटीक वक्त में मार करने की क्षमता बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक पेंटागन के एक प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने इस अभ्यास को चीन की तरफ से इस विवादित क्षेत्र का सैन्यकरण करने की कोशिश करार दिया है। वहीं अमेरिका ने इसे जानबूझकर इलाके में तनाव बढ़ाने और विवादित क्षेत्र को अस्थिर करने वाली कार्रवाई बताया है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। चीन भी कह चुका है कि इस मामले में अमेरिका दखलअंदाजी न करे।
बनाए गए हैं मानव निर्मित द्वीप
वॉशिंगटन स्थित एशिया समुद्री पारदर्शिता पहल ( AMTI ) के अनुसार बमवर्षकों ने दक्षिण चीन सागर के वुडी द्वीप के ऊपर ट्रेनिंग की थी। H-6K की मारक क्षमता करीब 3520 किलोमीटर बताई जा रही है। जिसके कारण से पूरा साउथ ईस्ट एशिया का इलाका उसकी जद में आ गया है। बता दें कि इस इलाके में चीन ने मानव निर्मित द्वीप भी बनाए हैं। जिन पर रनवे, रडार और मिसाइल स्टेशनों का निर्माण किया गया है।
विवादित क्षेत्र में बॉम्बर्स की तैनाती
चीनी बमवर्षक विमानों ( बॉम्बर्स ) को ऐसे विवादित क्षेत्र में तैनात किया गया है जिस पर चीन अपना दावा करता है। खबर के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना ( PLAN ) के नौजवानों ने H-6K बॉम्बर्स के साथ दक्षिण चीन सागर में अभ्यास किया है। बता दें कि चीन ने अप्रैल में दक्षिण चीन सागर में सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास किया था। इस दौरान बीजिंग ने पहली बार नए विमान वाहक पोत और आधुनिक हथियारों की ताकत दिखाई थी। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में चीन की ओर से बनाए गए कृत्रिम द्वीप के पास से अमेरिका अपने युद्धपोत और विमान गुजार चुका है। जिसकी वजह से दक्षिण चीन सागर में दोनों देश बार-बार एक दूसरे के सामने आ रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर का विवादित क्षेत्र
दक्षिण चीन सागर का लगभग 35 लाख स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र विवादित है। जिस पर चीन, मलेशिया, ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं। इस समुद्र से हर साल करीब पांच लाख करोड़ यूएस डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है। यहां तेल और गैस के बड़े भंडार हैं। अमेरिका के मुताबिक इस क्षेत्र में 213 अरब बैरल तेल और नौ सौ ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस के भंडार हैं। वियतनाम इस क्षेत्र में भारत को तेल खोजने के प्रयास में शामिल होने का न्योता भी दे चुका है। 2013 में चीन ने एक बड़े प्रोजेक्ट के तहत पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आईलैंड में बदल दिया था।
Created On :   20 May 2018 8:37 AM IST