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गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के अधिकारों में कटौती से विवाद

हाईलाइट
- गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के अधिकारों में कटौती से विवाद
गिलगित, 19 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए यहां की सरकार के पर काट दिए गए हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त ने सरकार के अधिकारों में व्यापक कटौती की अधिसूचना जारी कर दी है।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारों में इस कटौती पर गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। सरकार के सूचना सलाहकार शम्स मीर ने इस अलोकतांत्रिक करार दिया है।
गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार का कार्यकाल 24 जून तक है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 24 जून के बाद चुनाव होने तक एक कार्यवाहक सरकार कामकाज संभालेगी। लेकिन, इससे एक महीने से पहले ही सरकार के अधिकारों में कटौती की अधिसूचना जारी कर दी गई।
24 जून के बाद 60 दिनों के अंदर चुनाव कराने होंगे।
गिलगित-बाल्टिस्तान चुनाव आयोग की अधिसूचना में कहा गया है कि अब कोई भी सरकारी विभाग न तो कोई नियुक्ति कर सकेगा और न ही किसी का तबादला। किसी तरह की नई विकास परियोजनाओं की भी अनुमति नहीं होगी।
मीर ने गिलगित में मीडिया से कहा, यह और कुछ नहीं बल्कि मौजूदा सरकार को पांच साल के लिए जनादेश का अपमान है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में चुनाव कार्यक्रम जारी होने से पहले इस तरह से सरकार के अधिकार नहीं छीने जाते। उन्होंने कहा कि यह गैर लोकतांत्रिक अधिसूचना केंद्र की इमरान सरकार के इशारे पर जारी की गई है।
इस बीच, गिलगित-बाल्टिस्तान में एक सदस्यीय चुनाव आयोग के गठन को इलाके में संदेह की नजर से देखा जा रहा है और इसकी आलोचना की जा रही है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चारों प्रांतों से एक-एक आयुक्त सदस्य होते हैं लेकिन गिलगित-बाल्टिस्तान चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त ही हैं, कोई अन्य सदस्य नहीं है।
असद बिलाल नाम के एक वकील ने कहा कि इसका एक सदस्यीय आयोग होना एक कानूनी त्रुटि है।
गौरतलब है कि भारत ने हाल ही में अपनी अवस्थिति को दोहराते हुए कहा था कि पाकिस्तान, गिलगित-बाल्टिस्तान समेत जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के उन हिस्सों को खाली करे जो भारत के हैं और उसके अवैध कब्जे में हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गिलगित-बास्टिस्तान पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर पाकिस्तान से सख्त विरोध दर्ज कराया था।
इमरान सरकार द्वारा बीते साल क्षेत्र पर अपनी संवैधानिक पकड़ को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों के बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में अपने आदेश में कहा था कि गिलगित-बाल्टिस्तान उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।
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