चीन के इस रहस्यमय हथियार ने बढ़ाई अमेरिका की टेंशन

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चीन के इस रहस्यमय हथियार ने बढ़ाई अमेरिका की टेंशन
चीन के इस रहस्यमय हथियार ने बढ़ाई अमेरिका की टेंशन
हाईलाइट
  • इस बीमारी को 'सॉनिक वेपन' नाम दिया गया था। यह बीमारी एक अजीब सी आवाज के कारण होती है।
  • इस रहस्यमयी बीमारी ने आज से 2 साल पहले क्यूबा देश में भी आतंक मचा दिया था।
  • दक्षिण चीन के गुआंगझाऊ शहर स्थित अमेरिकी कांसुलेट में इस खतरनाक साउंड्स के कारण स्टाफ बीमार पड़ने लगा है।

डिजिटल डेस्क, पेइचिंगचीन के एक रहस्यमय हथियार ने अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है। यह हथियार कुछ और नहीं बल्कि एक रहस्यमयी बीमारी है, जिसने आज से 2 साल पहले क्यूबा देश में भी आतंक मचा दिया था। इस बीमारी को "सॉनिक वेपन" नाम दिया गया था। यह बीमारी एक अजीब सी आवाज के कारण होती है। यह आज भी एक पहली बनी हुई है कि ये आवाज कहां से और किस तरह से आती है। फिलहाल इसको लेकर अमेरिका ने चीन के लिए हेल्थ अलर्ट जारी कर दिया है।

दक्षिण चीन के गुआंगझाऊ शहर स्थित अमेरिकी कांसुलेट में इस खतरनाक साउंड्स के कारण स्टाफ बीमार पड़ने लगा है, जिसका इलाज डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है। कुछ स्टाफ की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें अमेरिका वापस बुला लिया गया है। बताया जा रहा है कि इनमें से कम से कम एक व्यक्ति का ब्रेन ट्रॉमा का इलाज चल रहा है। बता दें कि क्यूबा में अजीब सी आवाज का मामला अब तक मेडिकल जगत के लिए पहेली बना हुआ है। 2016 से अब तक क्यूबा से गंभीर रूप से पीड़ित 24 राजनयिकों को वापस बुला लिया गया।

 

 

अमेरिका को कुछ समझ नहीं आ रहा है
चीन के गुआंगझाऊ शहर में बढ़ रही इस रहस्यमयी बीमारी की गहन जांच के लिए अमेरिका ने अपने अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। फिलहाल अमेरिका ने पेइचिंग पर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि आखिर यह मामला है क्या? चीन में उत्पन्न हुई यह घटना अमेरिका के लिए कूटनीतिक पहेली भी बनी हुई है, क्योंकि अभी यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस पर प्रतिक्रिया कैसे दी जाए और क्या यह चीन की धरती पर अमेरिकियों के खिलाफ जानबूझकर किया गया हमला है।

बता दें कि अमेरिका किसी भी तरह से चीन से उलझना नहीं चाहता है। दोनों देश ट्रेड वार के हालात से बचने के लिए वार्ता कर रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका को नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियारों को नष्ट कराने के लिए भी पेइचिंग के सहयोग की जरूरत है। यही सब कारण हैं कि अमेरिका सीधे तौर पर चीन या पेइचिंग पर आरोप नहीं लगाना चाहता है।

वॉशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक ऐंड इंटरनेशनल स्टडीज में चीनी विशेषज्ञ बोनी ग्लेसर ने कहा, "जब तक वे पूरी तरह से कारण और मामले को समझ नहीं लेते, आरोप लगाना जल्दबाजी होगी। मुझे नहीं लगता है कि अमेरिका इसे अटैक कहेगा।" हालांकि यह क्यूबा केस की तुलना में अमेरिका का अलग रवैया है क्योंकि उस केस में अमेरिकी विदेश विभाग ने हवाना पर निशाना साधते हुए उस पर राजनयिकों की सुरक्षा कर पाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था।

Created On :   9 Jun 2018 6:29 PM IST

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