पाकिस्तान अल्पसंख्यक आयोग की पहली बैठक में भारतीय मुसलमानों पर चर्चा!
इस्लामाबाद, 15 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के नए नवेले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की पहली ही बैठक पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर विचार करने के बजाए भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा की भेंट चढ़ गई।
हाल ही में गठित पाकिस्तान अल्पसंख्यक आयोग की पहली बैठक में पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की हालत से जुड़े कई मुद्दे विचार के लिए हो सकते थे। हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मातरण करा उनका विवाह कराने या फिर अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को ईश निंदा के कानून में फंसाने जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोग से विचार की उम्मीद की जा सकती है। कुछ मुद्दे सतही तौर पर बैठक में उठे भी लेकिन आयोग ने अपनी पहली बैठक में मूल रूप से विचार के लिए भारतीय अल्पसंख्यकों के कथित मुद्दों को चुनना अधिक बेहतर समझा।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष चेलाराम केवालानी की अध्यक्षता में हुई इस पहली बैठक में गैर मुस्लिम समाज की कई हस्तियों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
बैठक में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नूर-उल-हक कादरी ने पहले तो कहा कि पाकिस्तान का संविधान अल्पसंख्यकों के अधिकारों व धार्मिक आजादी को संरक्षण देता है। उन्होंने कहा कि इस पर बहस की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि इस्लाम अल्पसंख्यकों के संरक्षण का आदेश देता है।
इसके बाद, कादरी ने भारत का जिक्र शुरू कर दिया कि और कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार बुरी दशा में में हैं। रमजान के पवित्र महीने में भी मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का अल्पसंख्यक आयोग भारतीय अल्पसंख्यकों का मुद्दा विश्व में उठाएगा।
बैठक का कोई निश्चित एजेंडा नहीं था। फिर भी, कुछ सांसदों ने कहा कि पाकिस्तानी में धार्मिक अल्पसंख्यकों का जबरन धर्मातरण और उनके धर्म स्थलों की भूमि पर जबरन कब्जे की समस्याओं पर आयोग को काम करना होगा।
Created On :   15 May 2020 8:00 PM IST