चीन में राष्ट्रगान के अपमान पर तीन साल की सजा का प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। चीन में राष्ट्रगान "मार्च आफ वालंटियर्स" के अपमान की सजा 15 दिन से बढ़ा कर तीन साल करने संबंधी विधेयक पेश किया गया है। यह चीनी संसद की स्टैंडिंग कमेटी की दो माह में होने वाली बैठक में पेश किया गया है। फिलहाल यह तय नहीं है कि इस प्रस्ताव को मंजूरी कब मिलेगी, लेकिन उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत में स्टैंडिंग कमेटी के मौजूदा सत्र की समाप्ति के पहले ही इस पर फैसला ले लिया जाएगा।
पहले थी 15 दिन की सजा
चीन ने सितंबर में चीन के राष्ट्रगान मार्च आफ वालंटियर्स का अपमान करने वाले व्यक्ति को 15 दिन की सजा देने का कानून पास किया था। यह कानून हांगकांग और मकाऊ पर भी लागू होता है। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनसीपी) की स्टैंडिंग कमेटी के विधायी मामलों के आयोग के उपप्रमुख झांग रोंगशुन ने कहा कि नेशनल फ्लैग और एंथेम के अपमान की स्थिति में कड़े दंड का प्रावधान के लिए अब नया कानून बनाया जाना जरूरी हो गया है।
भारत में भी चर्चा में राष्ट्रगान का मुद्दा
चीन ने यह पहल ऐसे समय की है, जब भारत में भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल के अपने उस आदेश पर पुनर्विचार की पहल की है, जिसमें उसने सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन के पहले राष्ट्रगीत बजाए जाने को अनिवार्य कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बड़े पैमाने पर इसका विरोध हुआ था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पुनर्विचार के लिए रजामंदी जताई है।
1949 में मिला था राष्ट्रगान का दर्जा
चीन के नेशनल एंथेम मार्च आफ वालंटियर्स ने जापानी आक्रामकता के दिनों में चीनी लोगों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया था। चीन ने इसे नेशनल एंथेम का दर्जा 1949 में दिया था। स्टैंडिंग कमेटी के विधायी मामलों के आयोग के उप प्रमुख झांग रोंगशुन ने कहा कि हाल के दिनों में हांगकांग में नेशनल एंथेम के अपमान की अनेक घटनाएं सामने आई हैं, जिससे एक देश-दो पद्धति के सिद्धांत के लिए चुनौती की तरह हैं।
कब होगी राष्ट्रगान की अनुमति
चीन का राष्ट्रगान कवि तियान हान ने लिखा है और इसके संगीतकार नीए एर हैं। राष्ट्रगान की अनुमति एनपीसी सत्रों के उद्घाटन और समापन समेत औपचारिक राजनीतिक सभाओं, संवैधानिक शपथ ग्रहण समारोहों, ध्वजारोहण समारोहों, बड़े आयोजनों, पुरस्कार वितरण समारोहों, स्मरणोत्सवों, राष्ट्रीय मेमोरियल डे समारोह, महत्वपूर्ण राजनयिक अवसरों, बड़े खेल समारोहों और अन्य उपयुक्त अवसरों पर होगी। मसौदे में कहा गया है कि अंतिम संस्कार, अनुचित निजी अवसरों, विज्ञापनों में या सार्वजनिक स्थानों पर पार्श्व संगीत के रूप में राष्ट्रगान का प्रयोग अनुचित होगा।
Created On :   31 Oct 2017 9:07 PM IST