इथियोपिया के पीएम को शांति का नोबेल, एरिट्रिया के साथ सुलझाया था सीमा विवाद
डिजिटल डेस्क, ओस्लो। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने इरिट्रिया के साथ शांति प्रयासों के लिए शुक्रवार को 2019 का शांति का नोबेल पुरस्कार जीता। इथियोपिया और एरिट्रिया ने 1998 से 2000 तक बॉर्डर वॉर लड़ा। जुलाई 2018 में अबी अहमद के प्रयासों के बाद दोनों देशों के संबंध दोबारा बहाल हुए। अबी अहमद को 10 दिसंबर को ओस्लो में नौ मिलियन स्वीडिश क्राउन या लगभग 900,000 डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा।
BREAKING NEWS:
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 11, 2019
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the Nobel Peace Prize for 2019 to Ethiopian Prime Minister Abiy Ahmed Ali.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/uGRpZJHk1B
नोबेल प्राइज कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अहमद अली ने एरिट्रिया से विवाद सुलझाने के लिए कई पहल शुरू कीं और शांति बहाल की। 2018 में प्रधानमंत्री बनते ही अली ने साफ कर दिया था कि वह एरिट्रिया के साथ शांति वार्ता दोबारा शुरू करेंगे। एरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाइआस अफवेरकी के साथ अहमद अली ने शांति समझौते के लिए तेजी से काम किया और दोनों देशों के बीच विवाद को खत्म किया।
अहमद अली ने कहा, "मैं बहुत विनम्र और रोमांचित हूं ... बहुत बहुत धन्यवाद। यह एक पुरस्कार है जो अफ्रीका को दिया गया है, जो इथियोपिया को दिया गया है, और मैं कल्पना कर सकता हूं कि अफ्रीका के बाकी नेता हमारे महाद्वीप में शांति निर्माण प्रक्रिया पर काम करने के लिए इसे सकारात्मक रूप से कैसे लेंगे। मैं बहुत खुश हूं और मैं इस खबर के लिए बहुत रोमांचित हूं ... बहुत-बहुत धन्यवाद, यह एक बड़ी उपलब्धि है।"
इस वर्ष के पुरस्कार के लिए दौड़ में 16 वर्षीय स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और हांगकांग के कार्यकर्ता शामिल थे। 1901 से अब तक 99 व्यक्तियों और 24 संगठनों को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। स्टॉकहोम में अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाती है, जबकि शांति के पुरस्कार की घोषणा नार्वे की राजधानी ओस्लो में की जाती है।
पश्चिमी इथियोपिया में जन्मे अबी 43 साल के हैं। सशस्त्र बलों में भर्ती होने से पहले मेंगिस्टु हैली मरियम के शासन के खिलाफ प्रतिरोध में शामिल थे। सशस्त्र बलों में भर्ती के बाद वह लेफ्टिनेंट-कर्नल के पद तक पहुंचे थे। उनके पास पीस और सिक्यॉरिटीज स्टेडी में डॉक्टरेट है। आठ साल पहले उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था। विश्लेषकों का कहना है कि अबी की मिश्रित ईसाई और मुस्लिम पृष्ठभूमि और देश की तीन मुख्य भाषाओं का ज्ञान उन्हें सांप्रदायिकता को खत्म करने के काबिल बनाता है।
भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता
- रवींद्रनाथ टैगौर (साहित्य) 1913
- चंद्रशेखर वेंकटरमन (विज्ञान) 1930
- मदर टेरेसा (शांति) 1979
- अमत्य सेन (अर्थशास्त्र) 1998
- कैलाश सत्यार्थी (शांति) 2014
नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का कार्यक्रम
- चिकित्सा : 7 अक्टूबर
- भौतिकी : 8 अक्टूबर
- रसायन शास्त्र : 9 अक्टूबर
- साहित्य : 10 अक्टूबर
- शांति : 11 अक्टूबर
- अर्थशास्त्र : 14 अक्टूबर
Created On :   11 Oct 2019 4:30 PM IST