नहीं रहे पाकिस्तानी मूल के मशहूर लेखक और पत्रकार तारिक फतेह, 73 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, लंबे वक्त से थे बीमार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार तारिक फतेह का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। वह 73 साल के थे। उनकी बेटी नताशा फतेह ने उनके निधन की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी। नताशा ने अपने ट्वीट में लिखा, "पंजाब का शेर। हिंदुस्तान का बेटा। कनाडा का प्रेमी। सत्य का वक्ता। न्याय के लिए लड़ने वाला। दलितों, दलितों और शोषितों की आवाज। तारिक फतेह ने अपनी मुहिम आगे बढ़ा दी है। उनकी यह क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी जो उन्हें जानते और उससे प्यार करता था।
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
बता दें कि इससे पहले 21 अप्रैल को उनके निधन की अफवाह सोशल मीडिया पर उड़ गई थी, जिसके बाद लोगों ने श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया था। देखते ही देखते ट्विटर पर तारेक फतह ट्रेंड करने लगा था।जिसका उनके करीबियों ने इसका खंडन किया था।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
20 नवंबर 1949 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे तारिक फतेह 1980 के दशक की शुरूआत में कनाडा जाकर बस गए थे। वह इस्लाम और आतंकवाद पर अपने प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते थे।
पाकिस्तान पर अपने उग्र रुख के लिए जाने जाने वाले तारेक फतह ने अक्सर भारत की सत्ता पर काबिज भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन जताया था।
तारिक फतेह ने कनाडा में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और टेलीविज़न होस्ट के रूप में काम किया है। उन्होंने कई चर्चित किताबें भी लिखीं, जिनमें "चेज़िंग ए मिराज: द ट्रैजिक इल्यूज़न ऑफ़ ए इस्लामिक स्टेट" और "द ज्यू इज़ नॉट माई एनीमी: अनवीलिंग द मिथ्स द फ्यूल मुस्लिम एंटी" शामिल हैं।
अपने बयानों से चर्चा में रहे
कट्टरपंथी मुसलमानों की अलगाववादी संस्कृति के खिलाफ बयान देने को लेकर तारिक अक्सर चर्चा में रहते थे। इस्लामिक इतिहास और मुसलमानों की कुछ परंपराओं के विरोध में बयान देने के चलते वह विवादों में भी रहे। समलैंगिकों को सामान अधिकार देने और उनके हितों की रक्षा के मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए तारिक कई बार इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर आए।
Created On :   24 April 2023 6:27 PM IST