पाकिस्तान में 25 जुलाई को होंगे आम चुनाव, आतंकी हाफिज भी लड़ेगा चुनाव

General elections will be held on 25th July in Pakistan, President approves the date
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होंगे आम चुनाव, आतंकी हाफिज भी लड़ेगा चुनाव
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होंगे आम चुनाव, आतंकी हाफिज भी लड़ेगा चुनाव

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में 25 जुलाई को संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव कराए जाएंगे। पाक चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति ममनून हुसैन को पत्र लिखकर 25 से 27 जुलाई के बीच चुनाव कराने की अनुमति मांगी थी। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति हुसैन ने 25 जुलाई को चुनाव कराए जाने पर अपनी मुहर लगा दी है। मौजूदा पाक सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है। जून के पहले सप्ताह में चुनाव प्रक्रिया की तारीखों का ऐलान भी किया जा सकता है। 

60 दिन के भीतर कराने होते हैं चुनाव 
पाकिस्तान के संविधान में सरकार का कार्यकाल खत्म होने के 60 दिन के भीतर चुनाव कराने होते हैं। संसदीय चुनाव के अलावा सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह, बलूचिस्तान प्रातों की सरकारों का कार्यकाल 28 मई को खत्म हो रहा है। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है ऐसे में कार्यवाहक सरकार की निगरानी में चुनाव कराये जाएंगे। कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी होगी कि वह देश में निष्पक्ष और शांत माहौल में चुनाव कराए। संसद में प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की सलाह से कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना जाएगा। दोनों पक्षों की ओर से 3-3 नामों की सिफारिश की जाएगी जिसमें से सर्वमान्य उम्मीदवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्ति किया जाएगा। 

1 जून से कार्यवाहक सरकार संभाल लेगी सत्ता 
पाकिस्तान में एक जून से कार्यवाहक सरकार देश की सत्ता की कमान संभाल लेगी। वह नई सरकार का गठन होने तक पाकिस्तान पर शासन करेगी। यह लगातार दूसरी बार हो रहा है, जब किसी चुनी हुई सरकार ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में कुल 10.5 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिनमें करीब 6 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। 

आतंकवादी हाफिज भी लड़ेगा चुनाव 
मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पहले ही पाकिस्तान में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुका है। जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज ने बताया था कि वह मिल्ली मुसलिम लीग (एमएमएल) पार्टी से चुनाव लड़ेगा, हालांकि उसने अभी यह खुलासा नहीं किया कि वह कहां से चुनाव लड़ेगा। 

4.6 करोड़ लोगों के हाथों में सत्ता की चाभी 
पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ में होगी। पाकिस्तान में 10.5 करोड़ मतदाता हैं, इनमें युवा मतदाताओं की संख्या करीब 4.6 करोड़ है। युवा वर्ग ने जिस पार्टी के पक्ष में मतदान किया, उसकी जीत पक्की है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वर्तमान सरकार का कार्यकाल इस माह की 31 तारीख को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद कार्यवाहक सरकार सत्ता संभाल लेगी। पाकिस्तान में पीएमएल-एन, पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि सोशल मीडिया के इस युग में युवा ही इस बार के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। 

ये हैं पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दल 

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) 
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) अभी सत्ता में है. नवाज शरीफ को हटाए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी देश के प्रधानमंत्री पद पर हैं. पार्टी के चेयरमैन नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ हैं. 1988 में स्थापित इस पार्टी का चुनाव निशान शेर है. 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में पार्टी के 188 सदस्य है। 

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ 
क्रिकेट से राजनेता बने इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी की बुनियाद रखी। फिलहाल नेशनल असेंबली में 33 सीटों के साथ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इमरान खान की पार्टी का चुनाव चिन्ह क्रिकेट का बैट है। पाकिस्तानी युवाओं में इमरान बहुत लोकप्रिय हैं। 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बेहद मजबूत समझी जाने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की स्थापना 1967 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने की थी। अब उनके नवासे बिलावुल भुट्टो जरदारी पार्टी के प्रमुख हैं। पार्टी का चुनाव चिह्न तीर है और नेशनल असेंबली में उसके 47 सदस्य हैं। सिंध प्रांत में उसकी सरकार है। 

मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट 
एमक्यूएम की स्थापना 1984 में अल्ताफ हुसैन ने की थी। पार्टी का चुनाव चिन्ह पतंग है और पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में उसका बहुत दबदबा माना जाता है। राष्ट्रीय संसद में उसके 24 सदस्य हैं। एमक्यूएम को विभाजन के बाद पाकिस्तान में जाकर बसे मुहाजिरों की पार्टी माना जाता है। 

आवामी नेशनल पार्टी
आवामी नेशनल पार्टी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में बड़ी ताकत रही है। हालांकि पिछले चुनावों में इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ ने उसे प्रांतीय सत्ता से बाहर कर दिया है। राष्ट्रीय संसद में उसके अभी सिर्फ दो सांसद हैं। पार्टी का चुनाव निशान लाल टोपी है और असफंदयार वली खान इसके प्रमुख हैं। 

जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) 
मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) पाकिस्तान की एक सुन्नी देवबंदी राजनीतिक पार्टी है, जिसके नेशनल असेंबली में 12 सदस्य हैं। पार्टी की चुनाव चिह्न किताब है। यह पार्टी 1988 में जमीयत उलेमा ए इस्लाम में विभाजन के बाद अस्तित्व में आई। 

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एफ)
यह पार्टी एक सिंधी धार्मिक नेता पीर पगाड़ा से जुड़ी हुई है। अभी नेशनल असेंबली में इसके पांच सदस्य हैं जबकि 168 सीटों वाली सिंध असेंबली में भी 9 सदस्यों के साथ वह मौजूद है। पार्टी का चुनाव चिह्न गुलाब का फूल है। 

जमीयत उलेमा ए इस्लाम 
इस पार्टी का मकसद पाकिस्तान को एक ऐसे देश में तब्दील करना है जो शरिया के मुताबिक चले। हालांकि जनता के बीच उसका ज्यादा आधार नहीं है। नेशनल असेंबली में उसके अभी सिर्फ चार सदस्य हैं। पार्टी तराजू के निशान पर चुनाव लड़ती है और सिराज उल हक इसके प्रमुख हैं। 

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) 
यह पार्टी नवाज शरीफ की पीएमएल (एन) से टूट कर बनी है। पार्टी के मुखिया शुजात हुसैन सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के दौर में कुछ समय के लिए देश के प्रधानमंत्री रहे। फिलहाल नेशनल असेंबली में पार्टी के पास सिर्फ दो सीटें हैं। पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल है।

 

Created On :   27 May 2018 9:17 AM IST

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