चांसलर एंजेला मर्केल चौथी बार संभालेंगी जर्मनी की कमान

डिजिटल डेस्क बर्लिन। जर्मनी में आम चुनाव के तहत रविवार को मतदान किया गया। मतदान में 63 वर्षीय चांसलर एंजेला मर्केल को चौथी बार देश की कमान मिल गई है।हालांकि एंजेला मर्केल यहां अपनी पार्टी के लिए तय किया हुआ 40 प्रतिशत वोट पाने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई हैं।
आपको बात दें कि इस चुनाव में दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) ने बड़ा उलटफेर करते हुए संसद में प्रवेश कर गई है। एंजेला मर्केल को इस बार चुनाव में कैम्पेन में दोहरे अंकों की बढ़त मिली है। इस बार मर्केल की पार्टी में करीब 33 फीसदी वोट मिले हैं। इसके अलाव जर्मनी की मुख्य विपक्षी पार्टी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) को युद्ध के बाद का सबसे कम 20-21 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए है।
एएफडी बनीं देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत
एक्जिट पोल के अनुसार मर्केल ने अपने कंजरवेटिव (सीडीयू /सीएसयू) गठजोड़ के साथ करीब 33 प्रतिशत मत हासिल किए। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सोशल डेमोक्रेट्स और उसके उम्मीदवार मार्टिन शूल्ज दूसरे नम्बर पर रहे और 20-21 प्रतिशत वोट हासिल किए। हालांकि, इस्लाम विरोधी, आव्रजन विरोधी "अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी" (एएफडी) पार्टी ने करीब 13 प्रतिशत वोट हासिल किए और वो जर्मनी की तीसरी सबसे मजबूत पार्टी के रूप में उभरी।
मध्य बर्लिन में अपना वोट डालने जब मार्केल पहुंची उस समय हल्की-हल्की वर्षा हो रही थी। उनके पति जाचिम शाउर उन्हें बारिश से भीगने से बचाने के लिए छाता थामे हुए थे। एक्जिट पोल में सामने आया है कि मर्केल की कंजरवेटिव सीडीयू/सीएसयू गठजोड़ को अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी मार्टिन स्कल्ज नीत मध्य वाम सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) पर दोहरे अंकों में बढ़त हासिल की थी।
12 साल से सत्ता में हैं मर्केल
मर्केल 12 साल से सत्ता में हैं। उन्होंने प्रचार अभियान में अपने शासनकाल में देश में निम्न बेरोजगारी, मजबूत आर्थिक वृद्धि, संतुलित बजट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते महत्व जैसी उपलब्धियों पर जोर दिया। इसका चुनाव पूर्व कराए गए जनमत संग्रहों में भी असर देखने को मिला था। जिनमें मर्केल के गठबंधन को प्रतिद्वंद्वी मार्टिन शुल्ज और उनकी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी पर बढ़त दिखाई गई थी। सरकार बनाने में लगेगा वक्तजर्मनी की संघीय संसद के निचले सदन बुंडेसटैग में प्रवेश के लिए चार पार्टियों के पांच फीसदी की सीमा पार करने का अनुमान है। ऐसे में अगली सरकार के गठन में महीनों लग सकते हैं।
Created On :   24 Sept 2017 10:58 PM IST