हाफिज सईद जाएगा कोर्ट, PAK सरकार के फैसले को देगा चुनौती

Hafiz Saeed says he will challenge govts illegal action in court
हाफिज सईद जाएगा कोर्ट, PAK सरकार के फैसले को देगा चुनौती
हाफिज सईद जाएगा कोर्ट, PAK सरकार के फैसले को देगा चुनौती

डिजिटल डेस्क, लाहौर। आतंकी हाफिज सईद के मदरसों और स्वास्थ्य शिविरों पर पाकिस्तान सरकार ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के खिलाफ हाफिज सईद अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। मुंबई हमले के मास्टर माइंड का कहना है कि सरकार ने उसके खिलाफ अवैध तरीके से कार्रवाई की है। इसे वह अदालत में चुनौती देगा। मालूम हो कि हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (JUD) और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) के मदरसों और चार दवाखानों को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था।

हाफिज सईद ने कहा, "बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद, सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, ऐंबुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है। इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, कश्मीर (PoK) और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा।" सईद ने आगे कहा कि, "यह सबसे मुश्किल वक्त है, लेकिन कार्यकर्ता शांति बनाए रखें। शासक राजाओं से ज्यादा वफादारों के रूप में काम कर रहे हैं।

भारत कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने पर कभी विचार नहीं करता, लेकिन हमारे शासकों ने जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे देशभक्त संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति की ओर से आदेश पारित करवाया है।" जमात-उद-दावा प्रमुख का कहना है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका और भारत को खुश करने के लिए "हमारे खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने 10 फरवरी 2018 को एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना की संख्या-2 के तहत संघीय सरकार जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से जुड़ी (चल, अचल और मानव संसाधन) संपत्तियों को जब्त करने और नियंत्रण में लेने का निर्देश देती है।" 

इस वजह से उठाया कदम
पेरिस में 18 से 23 फरवरी तक "फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स" (FATF) की बैठक होने जा रही है। खबरों में कहा गया है कि अमेरिका और भारत कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान को इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग लिस्ट में शामिल किया जाए। FATF की इस लिस्ट में पाकिस्तान को पिछली बार फरवरी 2012 में डाला गया था और वह तीन साल तक इस लिस्ट में रहा था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान इसी वजह से इस तरह के कदम उठा रहा है।

एंटी टेरेरिज्म एक्ट में बदलाव
पाकिस्तान ने हाल ही में अपने एंटी टेरेरिज्म एक्ट में भी अहम बदलाव किया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका मकसद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है। भारत और अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे कई देश भी पाकिस्तान पर दबाव डाल रहे थे कि वो आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। अमेरिका ने तो पाकिस्तान को दी जाने वाली मिलिट्री एड भी रोक दी है।     

Created On :   15 Feb 2018 11:41 AM GMT

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