यूक्रेन में तबाही के लिए पुतिन ने बनाया खतरनाक प्लान, इस बेरहम कमांडर को सौंपी जंग की कमान, नाम सुनकर थर थर कांपता है दुश्मन

यूक्रेन में तबाही के लिए पुतिन ने बनाया खतरनाक प्लान, इस बेरहम कमांडर को सौंपी जंग की कमान, नाम सुनकर थर थर कांपता है दुश्मन
रूस-यूक्रेन महायुद्ध यूक्रेन में तबाही के लिए पुतिन ने बनाया खतरनाक प्लान, इस बेरहम कमांडर को सौंपी जंग की कमान, नाम सुनकर थर थर कांपता है दुश्मन
हाईलाइट
  • यूक्रेन को 72 घंटों के भीतर सरेंडर करा देंगे

डिजिटल डेस्क, मास्को। रूस और यूक्रेन के बीच करीब आठ महीने से भयंकर युद्ध जारी है लेकिन दोनों देश अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि यूक्रेन को 72 घंटों के भीतर सरेंडर करा देंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक और दांव खेला है और अब रूस के सबसे खूंखार और निर्दयी जनरल को यूक्रेन फतह करने की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस के इस फैसले के बाद यूक्रेन में भारी तबाही देखने को मिल सकती है और परमाणु युद्ध होने से भी नकारा नहीं जा सकता है। 

यूक्रेन में देखने को मिल सकती है तबाही

रूस इस वक्त यूक्रेन को हथियाने के लिए पूरी कोशिश में जुट चुका है। दोनों देश आमने-सामने खड़े हैं, कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में ये तो स्पष्ट है कि यूक्रेन में भीषण तबाही आ सकती है क्योंकि रूस अपने पैर धीरे-धीरे तेजी से पसार रहा है। जानकारों की माने तो रूस हर हाल में इस युद्ध को अंत करने की कोशिश में है। हाल ही में रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल केर्च को उड़ाने के बाद रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे शहरों पर मिलाइलें बरसा दी हैं।

रूस के इस कदम से दुनिया में परमाणु युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अब सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि रूस और यूक्रेन तक ही जंग सीमित रहेगा या फिर दुनिया भर में इसकी लपट दिखाई देगी? वैसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे कई पश्चिमी देश खुलकर यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। ऐसे में अब कह पाना मुश्किल है कि रूस व यूक्रेन तक ही लड़ाई रह जाएगी।

यूक्रेन युद्ध में खूंखार जनरल को तैनात किया

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में अपने खूंखार जनरल पर भरोसा जताया है और उसे जिम्मेदारी दी है। माना जा रहा है कि निर्दयी जनरल को तैनात कर देना यूक्रेन में नई तबाही के साफ संकेत हैं। इस खूंखार जनरल का नाम सर्गेई सुवोविकीन है। बताया जाता है कि रूस की सेना में उसके दोस्त जनरल आर्मेगाडन के नाम से जानते हैं। जिसका अर्थ होता है तबाही लाने वाला जनरल।

इस जनरल के नाम से कांपते हैं लोग

बताया जाता है कि जनरल सुवोविकीन ने जिन देशों में रूसी सैन्य अभियान में हिस्सा लिया है, वहां उसकी बेरहमी देखकर लोग कांप जाते हैं। अफगानिस्तान, चेचेन्या, ताजिकिस्तान और सीरिया जैसे तमाम देशों में जनरल सुवोविकीन रूसी सेना का हिस्सा रह चुका है। बीबीसी न्यूज ने रूसी एजेंसी तास के हवाले से लिखा है कि ये जनरल कहता है कि एक मरे हुए सैनिक के बदले तीन चरमपंथियों को मारा जाएगा। 

इस साल सुवोविकीन रूसी सेना का जनरल बना

साल 2017 में सर्गेई सुवोविकीन को रूसी सेना में जनरल बनाया गया था। इसके पहले वह सीरिया में जारी भीषण युद्ध की भी कमान संभाल रहा था। इस युद्ध में उसने अपनी दबंगई के चलते सीरिया के कई क्षेत्रों में कब्जा कर लिया था। सीरिया के अलेप्पो शहर में हवाई हमले कर रूस के इस कमांडर ने तबाही फैला दी थी। दरअसल, जनरल सुवोविकीन को तोपखाने के इस्तेमाल का विशेषज्ञ माना जाता है। साथ ही रूसी एयरफोर्स को कमांड देने का भी अनुभव है। सुवोविकीन इतना प्रभावशाली माना जाता है कि सीरिया में तैनाती के दौरान अमेरिकी कमांडर भी उसकी सीधी सलाह लेते थे।

पुतिन पर बढ़ रहा दबाव

यूक्रेन जंग बीते 25 फरवरी से जारी है, ऐसे में पुतिन के ऊपर अपने ही देश में दबाव बढ़ता जा रहा है। युद्ध जिस दिशा में जाना चाहिए, उस दिशा में नहीं जा पाया बल्कि दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन पर इस वजह से भी दबाव है क्योंकि रूस के कई जनरल, कमांडर व सैनिक मारे जा चुके हैं। साथ ही काफी हथियार का नुकसान हुआ है। रूस के अंदर पुतिन के विरोधियों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

ऐसे में पुतिन के पास एक ही रास्ता बचा है कि युद्ध की गति में बढ़ाए और यूक्रेन पर जल्द से जल्द विजय हासिल करें। बीते कुछ दिनों से पुतिन सारी यूक्रेन को कब्जाने के चक्कर में सारी हदों को पार भी कर गए हैं। बताया जा रहा है कि अब रूसी सेना वहां के नागरिकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दी है। पुतिन को इस बात का परवाज नहीं है कि इस युद्ध में कितने निर्दोष नागरिक मारे जाएंगे। यही इस युद्ध का सबसे खतरनाक परिणाम हो सकता है। 

 

Created On :   12 Oct 2022 12:11 PM GMT

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