भारत को बांग्लादेश का तोहफा, पूर्वोत्तर राज्यों में सामान सप्लाई के लिए खोला अपना बंदरगाह

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भारत को बांग्लादेश का तोहफा, पूर्वोत्तर राज्यों में सामान सप्लाई के लिए खोला अपना बंदरगाह
भारत को बांग्लादेश का तोहफा, पूर्वोत्तर राज्यों में सामान सप्लाई के लिए खोला अपना बंदरगाह
हाईलाइट
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया।
  • बांग्लादेश ने भारत के साथ अपने फ्रेंडली रिलेशन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
  • बांग्लादेश ने भारत को वहां के दो प्रमुख बंदरगाह-चटगांव और मोंग्ला का उपयोग करने की मंजूरी दे दी है।

डिजिटल डेस्क, ढ़ाका। बांग्लादेश ने भारत के साथ अपने फ्रेंडली रिलेशन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बांग्लादेश ने भारत को तोहफे के रूप में वहां के दो प्रमुख बंदरगाह-चटगांव और मोंग्ला का उपयोग करने की मंजूरी दे दी है। कैबिनेट सचिव शफीउल आलम ने कहा कि सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि इससे बांग्लादेश और भारत के संबंध और मजबूत होंगे।

शफिउल ने जानकारी देते हुए कहा, "कैबिनेट में प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक यह करार पांच साल के लिए है। जरूरत पड़ने पर इसे और पांच साल बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अगर इस ड्राफ्ट को खत्म करने के लिए दोनों देशों में से किसी एक को छह महीने का नोटिस देना होगा। इस समझौते के बाद भारत अब बांग्लादेशी बंदरगाहों का उपयोग कर बहुत ही कम समय में पूर्वोत्तर राज्यों में सामान सप्लाई कर सकेगा।"

शफिउल ने कहा कि भारत के लिए बांग्लादेश ने चटगांव और मोंग्ला बंदरगाहों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कम्यूनिकेशन नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, "इस समझौते के तहत बांग्लादेश के अंदर सामान ले जाने के लिए केवल बांग्लादेशी वाहनों और जहाजों का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं इस ड्राफ्ट के प्रावधानों में से एक का कहना है कि जरूरत पड़ने पर नेपाल और भूटान को भी इस समझौते में शामिल किया जा सकता है।"

हालांकि भारत को इस समझौते के लिए जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (GATT) के अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करना होगा। बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि समझौते के बाद बांग्लादेश के टैक्स ऑफिसर भारतीय कंपनियों से ड्यूटी और टैक्स के लिए बॉन्ड लेंगे। वहीं शुल्क और सामानों की ढुलाई के लिए GATT नियमों का पालन करना होगा।

इस ड्राफ्ट में जहाजों के आने-जाने के लिए चार रूट प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें चटगांव/मंगला पोर्ट-अगरतला वाया अखौरा, चटगांव/मोंगला पोर्ट-दौकी भाया तमाबिल, चिटगांव/मोंगला पोर्ट-सुतरकंडी वाया श्योला और चिटगांव/मोंगला पोर्ट-बिबेकबाजार वाया सिमंतपुर शामिल हैं। इसके साथ ही बांग्लादेशी अधिकारी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS), ई-लॉक और ई-सील जैसे ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करेंगे ताकि सामान ले जाने वाले जहाजों की पहचान हो सके। 
 

Created On :   18 Sept 2018 9:09 PM IST

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