भारत-चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों पर और बात करने की जरुरत : चीन में भारतीय राजदूत 

Indias Ambassador in China says about Doklam dispute in Global Times
भारत-चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों पर और बात करने की जरुरत : चीन में भारतीय राजदूत 
भारत-चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों पर और बात करने की जरुरत : चीन में भारतीय राजदूत 

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। भारत-चीन के बीज डोकलाम विवाद पिछले साल अगस्त में ही सुलझा लिया गया था, लेकिन आज भी दोनों देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों की ओर से इस विवाद को लेकर बयान आते रहते हैं। गुरुवार को ही चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान दिया गया था कि डोकलाम हमारा हिस्सा है और रहेगा। भारत को इस मुद्दे पर पिछले विवाद से सीख लेना चाहिए। अब चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले ने कहा है कि भारत और चीन दोनों देशों को डोकलाम समेत अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति बनाए रखने पर जोर देना चाहिए।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बंबावाले ने कहा कि भारत और चीन को सीमावर्ती क्षेत्रों पर और बातचीत करना चाहिए और एक दूसरे के प्रति स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत और चीन की जनता और हमारे नेता काफी अनुभवी और बुद्धिमान है। वे हमारे संबंधों में ऐसे क्षणिक गतिरोधों को कम करने में सक्षम हैं।"

गौरतलब है कि पिछले साल जून में चीनी सैनिकों द्वारा भूटान के डोकलाम क्षेत्र में रोड बनाने को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ था। भारतीय सैनिकों ने भारत, चीन और भूटान के इस ट्राइजंक्शन में पहुंचकर चीनी सेना को रोड बनाने से रोक दिया था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई थी। इस घटना के बाद करीब ढाई महीनों तक डोकलाम में भारतीय-चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने डंटे हुए थे। इस दौरान चीनी मीडिया ने कई बार भारत को युद्ध की धमकी भी दी थी। हालांकि अगस्त के अंत तक यह विवाद सुलझा लिया गया था।

बता दें कि डोकलाम भूटान का क्षेत्र है, जिस पर चीन अपना हिस्सा होने का दावा करता आया है। वहीं भारत का कहना है कि चीन डोकलाम पर कब्जा कर भारत-चीन और भूटान के ट्राइजंक्शन का नक्शा बिगाड़ना चाहता है।

ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बंबावाले ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर भी भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, "चीन की यह परियोजना PoK से गुजरती है जो भारत का क्षेत्र है। पेइचिंग को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़ी भारत की चिंताओं को लेकर संवेदनशील होने की जरूरत है।"

Created On :   26 Jan 2018 1:54 PM GMT

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