कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर दुनिया चुप क्यों? : PAK

Indias side on Kashmir is wrong, turned in the worlds largest military area: Abbasi
कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर दुनिया चुप क्यों? : PAK
कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर दुनिया चुप क्यों? : PAK

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार कश्मीरियों के साथ बर्बरता से पेश आ रही हैऔर इस मामले में अंतराष्ट्रीय समुदाय को हस्तक्षेप करना चाहिए। भारत पर यह आरोप लगाते हुए अब्बासी ने कहा, "घाटी में इस समय सात लाख सैनिक तैनात हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य क्षेत्र बना हुआ है, फिर भी कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन की बात नहीं होती है।" अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ काफी कुछ किया है, हालांकि उसके प्रयासों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अब्बासी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले की दिशा में हम काफी कुछ कर चुके हैं। भारत का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अब अमेरिका समेत दूसरे देशों के करने की बारी है। 

बलि का बकरा नहीं बनेगा पाकिस्तान
अब्बासी ने कहा कि अफगानिस्तान में दूसरों की असफलताओं पर पाकिस्तान को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कश्मीर पर भारत के पक्ष को गलत बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। अमेरिका ने अपनी नई अफगान-पाकिस्तान नीति की घोषणा के समय आतंकवाद पर पाकिस्तान के ढुलमुल रवैये पर निशाना साधा था। अपनी अफगान नीति जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों की शरणस्थली बना हुआ है। उसकी इस भूमिका पर अमेरिका खामोश नहीं रहेगा। माना जा रहा है कि पाक मीडिया में प्रकाशित इंटरव्यू में अब्बासी ने अमेरिकी को जवाब दिया है। 

आतंकवाद से मुकाबले में दी बहुत कुर्बानी
पाक पीएम ने दावा किया कि सफल ऑपरेशनों से पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ लगी सीमा पर आतंकवादियों का बड़े पैमाने पर सफाया किया है। उन्होंने कहा, " हमने आतंकवाद से संघर्ष में बहुत कुर्बानी दी है। हम जो कर सकते थे, हमने कर दिया। अब अमेरिका और दूसरे लोग अपनी भूमिका निभाएं।" अब्बासी ने कहा, अफगानिस्तान में दूसरे देशों की असफलताओं को अपने सिर नहीं लेगा। अब्बासी ने कहा, अफगानिस्तान में आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान को जितना नुकसान हुआ उतना अमेरिका, ISAF (इंटरनैशनल सिक्यॉरिटी असिस्टेंस फोर्स) और नाटो को मिलाकर भी नहीं हुआ। उन्होंने अमेरिकी की नई अफगान-पाकिस्तान नीति की भी आलोचना की है। 

कश्मीर पर भारत का कब्जा पूरी तरह अवैध
पाक पीएम अब्बासी ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। अब्बासी ने आरोप लगाया कि आत्मनिर्णय की मांग की सजा कश्मीरियों को दी जा रही है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में सात लाख से अधिक भारतीय फौजी हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य क्षेत्र बना हुआ है। कश्मीर में भारतीय सेना की मौजूदगी अवैध और क्रूरतापूर्ण कार्रवाई है।" अब्बासी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आगे आने को कहा। उन्होंने कहा पाकिस्तान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए कश्मीर संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। उन्होंने कहा इसके लिए पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। 

इस लिए भारत से बनाई पाक से दूरी
भारत ने पाकिस्तान से तबतक बातचीत नहीं करने का निर्णय लिया है, जब तक वह आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को टेररिस्तान कहकर पुकारा था। इसके बाद अमेरिकी ने भी पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर दबाव बनाया है। आतंक के मोर्चे पर पाकिस्तान इन दिनों पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है। अमेरिका ने इन दिनों भारत को ज्यादा महत्व देते हुए अफगानिस्तान में उसकी बढ़ी हुई भूमिका का आह्वान किया है। इसे पाक हुक्मरान किसी तरह हजम नहीं कर पा रहे हैं। अब्बासी ने आतंकवाद पर अमेरिका पर जिस तरह से उंगली उठाई है, उससे यह बात समझी जा सकती है। 

पाक के हित में हैं भारत से बेहतर संबंध
दूसरी ओर, अमेरिकी प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के साथ शांति कायम करने के लिए ऐसे रास्ते में नहीं बढ़ सकते जिससे उनके देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती हो। अधिकारी ने कहा भारत के साथ वाणिज्यिक संबंध फिर से स्थापित करने के लिए उसका भरोसा हासिल करना खुद पाकिस्तान के ही हित में है। अमेरिकी प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को अपने मौजूदा रवैये में बदलाव लाते हुए संबंध बेहतर करने के प्रयास करने चाहिए। तभी रिश्तों पर पड़ी धूल को हटाया जा सकता है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा भारत के साथ वाणिज्यिक संबंध फिर से स्थापित करने के लिए भारत का भरोसा हासिल करना पाकिस्तान के ही हित में है। विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की अगले सप्ताह भारत और पाकिस्तान की पहली यात्रा के मद्देनजर यह अधिकारी पाकिस्तान के साथ शांति तथा स्थिरता कायम करने के लिए भारत द्वारा किए जाने वाले प्रयासों से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे। 

Created On :   21 Oct 2017 1:38 PM GMT

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