बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम के नेता के तौर पर उजागर होगा जमात

Jamaat to be exposed as leader of Hifajat-e-Islam in Bangladesh
बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम के नेता के तौर पर उजागर होगा जमात
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ढाका, 13 नवंबर (आईएएनएस)। जमात-ए-इस्लाम, बांग्लादेश के कवमी मदरसों को शुरू से ही आधुनिक हथियार और सैन्य प्रशिक्षण मुहैया कराता रहा है, जिसमें मध्य पूर्व और आईएसआई का वित्तीय सहयोग होता है। एक खुफिया अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने यह भी कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के ऐसे काफी सबूत और तस्वीरें भी हैं, जो मीडिया में प्रकाशित हुई हैं।

नाम न छापने की शर्त पर, अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि कभी-कभी उनका दिवंगत अहमद शफी के साथ सत्ता का टकराव था, लेकिन आईएसआई का पालन करने के लिए उनकी मूल बातें समान थीं।

बांग्लादेश के सबसे बड़े गैर-राजनीतिक इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के प्रमुख शफी का पिछले महीने 103 साल की उम्र में निधन हो गया था।

उनकी मृत्यु से पहले ही जमात के नेता और सदस्य नए हिफाजत-ए-इस्लाम के नेतृत्व पर निर्णय लेने के लिए हत्जारी मदरसे में नियमित बैठक कर रहे थे।

देलवार हुसैन सईदी के बेटे जमात नेता शमीम सईदी ने हाल के दिनों में मदरसे में अपने अनुयायियों को शामिल किया है।

शमीम ने हारुन इजहार से भी मुलाकात की, जिसे ढाका में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले में एक अभियुक्त के रूप में गिरफ्तार किया गया था। वह हिफाजत के पूर्व प्रमुख मुफ्ती इजहार का बेटा है, जो ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी था।

मौलाना मामुनुल हक और उनके जमात के सहयोगी अन्य जमात के नेताओं के साथ हत्जारी मदरसे में बहुत सक्रिय हैं।

हिफाजत के केंद्रीय आयोजन सचिव अजीजुल हक इस्लामाबादी ने घोषणा की है कि सुंदत अते दारुल उलूम मुइनुल इस्लाम हत्जारी मदरसा में सुबह 10 बजे हिफाजत सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

इसमें भाग लेने के लिए देश भर के जिला प्रतिनिधियों सहित लगभग 500 लोगों को आमंत्रित किया गया है।

वरिष्ठ विद्वानों की 15-सदस्यीय शूरा समिति, हिफाजत के अमीर और महासचिव का चुनाव करेगी।

हिफाजत के नायब-ए-अमीर महिबुल्लाह बाबुंगरी परिषद की अध्यक्षता करेंगे।

सम्मेलन शीर्ष नेताओं के पद का चुनाव करेगा, जिसमें अमीर और संगठन के महासचिव का पद शामिल है।

हालिया सम्मेलन में, जमात-ए-इस्लामी के शीर्ष नेता अब सामने आए हैं।

हिफाजत-ए-इस्लाम के नए नेतृत्व का चुनाव करने के लिए दिवंगत शफी के बेटे या अनुयायियों को परिषद में आमंत्रित नहीं किया गया है। उनका आरोप है कि जमात के एजेंडे को लागू करने के लिए परिषद का गठन किया जा रहा है।

शफी के अनुयायियों ने परिषद को अवैध करार दिया है, क्योंकि इसके लिए असल नेताओं की अनदेखी की गई है। इनका कहना है कि जिन लोगों ने परिषद की बैठक बुलाई है, उनके पास ऐसा करने की कोई वैधता नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, जमात और उसकी छात्र विंग शिबिर हिफाजत-ए-इस्लाम की पूर्ण शक्ति को हथियाने की कोशिश कर रही है।

जब शफी जीवित थे तो मूल रूप से संगठन को चटगांव से नियंत्रित किया जाता था, मगर बीएनपी-जमात नेताओं ने अब इसे ढाका केंद्रित बनाने की कोशिश की है और इसके लिए अब प्रयास तेज कर दिया गया है।

एकेके/एएनएम

Created On :   13 Nov 2020 11:31 AM GMT

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