जिनपिंग ने दी तिब्बती चरवाहों को भारत-चीन सीमा पर बसने की सलाह

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत में रह रहे चरवाहों से भारत-चीन सीमा पर बस्ती बसाने और सीमावर्ती हिस्से की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। तिब्बत के लुन्झे स्थित एक परिवार की दो बेटियों ने शी को पत्र लिखकर अपने कस्बे की आपबीती बताई थी। जिसके जवाब में शी जिनपिंग ने तिब्बती चरवाहों को भारत-चीन सीमा क्षेत्र के निकट बसने को कहा था। उन्होंने कहा सीमा की रखवाली करना उनकी भी जिम्मेदारी है। तिब्बत स्थित लुन्झे भारत के अरुणाचल प्रदेश के निकट स्थित है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत कहता है। उसका कहना है कि इस क्षेत्र पर भारत ने कब्जा कर लिया है।
जिनपिंग की की नई चाल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी राष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाले शी जिनपिंग ने तिब्बत के लुंजे काउंटी के एक चरवाहा परिवार को लिखा है, "क्षेत्र में शांति के बिना, लाखों परिवारों के लिए जीवन शांतिपूर्ण नहीं हो सकता।" शी ने परिवार से सीमावर्ती इलाके में अपनी जड़ें जमाने, चीनी भूभाग की रक्षा करने और अपने कस्बे का विकास करने की जिम्मेदारी सौंपी।
यह काउंटी दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में हिमालय के पास स्थित है। शी ने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए परिवार के प्रयासों को स्वीकार करते हुए सीमावर्ती क्षेत्र में उनकी वफादारी और योगदान के प्रति आभार जताया। शी ने कहा उन्हें उम्मीद है कि यह परिवार और भी कई चरवाहे परिवारों को सीमावर्ती क्षेत्र में बसने के लिए प्रेरित करेगा और चीनी क्षेत्र का संरक्षक बनेगा।
भारत जोर देता रहा है कि 4057 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद है, जबकि चीन दक्षिणी तिब्बत बताते हुए अरुणाचल प्रदेश के करीब 2000 किलोमीटर क्षेत्र पर अपना दावा करता है। यह परिवार आबादी के लिहाज से हिमालय के दक्षिणी हिस्से में सबसे छोटे कस्बे युमाई में रहता है। तीखी ढलान और दुर्गम रास्तों के कारण वहां रहना काफी कठिन है। युमाई भारत के अरुणाचल प्रदेश के पास है।
Created On :   29 Oct 2017 9:51 PM IST