जॉन्सन बेबी पाउडर से कैंसर, 7वां केस हारी कंपनी, ग्राहक को 760 करोड़ रुपए का मुआवजा

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। बेबी केयर प्रोडक्ट्स के लिए दुनिया भर के मार्केट में मशहूर कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन के फिर बड़ा झटका लगा है। बेबी पाउडर से कैंसर का 7वां केस भी कंपनी हार गई है। अमेरिका की एक कोर्ट ने उसे कस्टमर को 760 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इससे पहले निचली कोर्ट ने कंपनी पर 240 करोड़ का मुआवजा लगाया था। जिसे कोर्ट ने तीन गुना बढ़ा कर 760 करोड़ रुपये कर दिया है। ये मुआवजा 70 प्रतिशत जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी और 30 प्रतिशत पाउडर सप्लाय करने वाली कंपनी इमेरीज टैल्क देगी।
न्यूजर्सी के स्टीफन लैंजो ने किया था केस
न्यूजर्सी के इन्वेस्टमेंट बैंकर स्टीफन लैंजो और उनकी पत्नी केंड्रा ने कंपनी पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि जॉन्सन एंड जॉन्सन के प्रोडक्ट से उन्हें मेसोथेलियोमा हुआ है। दोनों ने कंपनी से मुआवजे की मांग की थी। लैंजो ने ये भी कहा कि इस बारे में कंपनी को सब पता है इसके बावजूद भी उन्होंने अपने प्रोडक्ट पर कोई चेतावनी नहीं दी है। वहीं दोनों कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर बताते हुए कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही है।
एक तरह का कैंसर है मेसोथेलियोमा
मेसोथेलियोमा एक प्रकार का कैंसर होता है। जिसका इफेक्ट पेट, दिल, ऊतक, फेफड़ों और बॉडी के अन्य पार्ट्स पर पड़ता है। कंपनी के लगभग 120 साल के इतिहास का पहला मामला है जब बेबी पाउडर में एसबेस्टस मिला होने के कारण मेसोथेलियोमा हुआ है। लैंजो ने बताया कि वो 30 साल से जॉन्सन बेबी पाउडर का यूज कर रहे हैं इसी वजह से उन्हें ये बीमारी हुई है। वहीं कंपनी का कहना है कि लैंजो जिस घर के घर के बेसमेंट की पाइप में एसबेस्टस लगा है। कंपनी ने ये भी कहा कि लैंजो जिस स्कूल में पढ़ते थे वहां भी एसबेस्टस लगा था। हालांकि कोर्ट ने कंपनी की कोई भी दलील सुने बिना मुआवजे की रकम को पहले से तीन गुना बढ़ा दिया।
भारत के बेबी केयर मार्केट में जॉन्सन का 60 फीसदी हिस्सा
भारत में बेबी केयर का मार्केट 93000 करोड़ का है। जिसमें जॉन्सन एंड जॉन्सन कंपनी का हिस्सा 60 प्रतिशत है। वहीं अमेरिका में जॉन्सन कंपनी पर अब तक बेबी पाउडर से बीमारी के 6610 केस दर्ज हैं। पिछले दो साल में जॉन्सन कंपनी के मामले में 7 बड़े फैसले हुए हैं। इस दौरान कंपनी को 5950 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए गए। हालांकि 2700 करोड़ के एक मामले को कंपनी ने जीत लिया था। पिछले साल अगस्त महीने में भी कंपनी को एक महिला को 475 करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ा था। महिला ने कंपनी प्रोडक्ट से ओवेरी कैंसर होने का दावा किया था। गौरतलब है कि 1971 में टैल्कम पाउडर से ओवेरी कैंसर का पहला मामला सामने आया था।
Created On :   13 April 2018 3:24 PM IST