UN में सुषमा बोलीं- आतंकी राक्षसों की पैरवी करता है पाकिस्तान, ऐसे कैसे बात करें

- इस दौरान सुषमा स्वराज ने आतंकवाद
- जलवायु परिवर्तन
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और सतत विकास के लक्ष्य पर अपनी बात रखी है।
- भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र को संबोधित किया।
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान सुषमा स्वराज ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और सतत विकास के लक्ष्य पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। इस पर भारत कभी फेल नहीं होगा। उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी द्वारा लाई गई योजनाओं का भी जिक्र किया। आतंकवाद को विश्व के लिए सबसे बड़ी समस्या बताते हुए सुषमा ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथ लिया। सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान मुल्क आतंकवादी रूपी राक्षसों की पैरवी करता है। ऐसे में अब किस तरह से शांति की बात की जाए?
सुषमा स्वराज ने इस दौरान पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क में 9/11 और मुंबई में 26/11 जैसी घटनाएं दुनिया में अमन-चैन की बात को नुकसान पहुंचा रही हैं। भारत इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी है। भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के आतंकवाद से पीड़ित है। सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान न केवल आतंकवाद को बढ़ावा देता है बल्कि इसे छिपाता भी है। उन्होंने ओसामा बिन लादेन का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भी पाकिस्तान में छिपा हुआ था।
सुषमा स्वराज ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहा है। सईद जब मन हो भारत को धमकी दे रहा है। पाकिस्तान उस पर एक्शन लेने की बजाय उसको सुरक्षा दे रहा है, उसे पनाह दे रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हम पर द्विपक्षीय वार्ता नहीं करने और मानवाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहा है। हम जानते हैं कि दुनिया के जटिल से जटिल मुद्दे बातचीत से ही सुलझाएं जा सकते हैं। हम बातचीत से ही हर मुद्दे को सुलझाने के पक्ष में हैं, लेकिन इसके लिए उस तरह का रवैया भी होना चाहिए।
क्या बोलीं सुषमा-
- इंडोनेशिया इस समय भूकंप और सुनामी से प्रभावित है। मैं भारत की तरफ से इस आपदा के लिए इंडोनेशिया सरकार और लोगों के प्रति शोक व्यक्त करती हूं। इस आपदा का सामना करने के लिए मैं इंडोनेशिया को भारत से पूर्ण समर्थन का आश्वासन देती हूं।
- भारत वसुधैव कुटुंबकम में यकीन करता है। संयुक्त राष्ट्र एक परिवार है और इस परिवार की तरह ही चलाना चाहिए।
- आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन आज सबसे बड़ी समस्या है। जिन देशों ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर खुद का भला किया है, उसे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बड़े देशों को छोटे देशों की मदद करनी होगी।
- हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत और स्वस्थ्य भारत का संकल्प लिया है। संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए चैंपियन ऑफ दे अर्थ के सम्मान से नवाजा है।
- भारत ने विश्व के सबसे बड़े वित्तीय समावेश योजना जनधन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अब तक 32,61,00,000 एकाउंट खोले जा चुके हैं। इन लोगों इससे पहले कभी बैंक के दरवाजे तक नहीं देखे थे।
- प्रधान मंत्री मोदी ने जिस गति से 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने का काम शुरू किया है, यह दर्शाता है कि हम समय से पहले लक्ष्यों को प्राप्त कर लेंगे। हम लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर तरह से तैयार हैं।
- 9/11 का मास्टरमाइंड मारा गया, किंतु 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद आज भी खुला घूम रहा है। रैलियां करता है, चुनाव लड़ता है, सरेआम भारत को धमकियां देता है।
- पिछले साल, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कुछ तस्वीरों को भारत द्वारा "मानवाधिकार उल्लंघन" के सबूत के रूप में प्रदर्शित किया था। वह सभी फोटो दूसरे देश के निकले। इसी तरह के झूठे आरोप पाकिस्तान के मानक राजनीति का हिस्सा बन गए हैं।
- एक आतंकवादी से बड़ा मानवाधिकारों का अपराधी कौन हो सकता है? जो लोग अन्य माध्यमों से युद्ध की खोज में निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, वे मानव अधिकारों के नहीं बल्कि अमानवीय व्यवहार के रक्षक हैं। पाकिस्तान हत्यारों की रक्षा करता है और निर्दोषों के खून को देखने से इंकार कर देता है।
- आज मैं फिर से इस मंच से आपसे अपील करती हूं कि आतंकवाद की परिभाषा पर सर्वसम्मति तक पहुंचने के बाद, हम जितनी जल्दी हो सके CCIT (कॉम्प्रिहेन्सिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म) पास करेंगे।
- संयुक्त राष्ट्र सभी देशों के लिए सबसे बड़ा मंच है। हालांकि धीरे-धीरे इसका महत्व, प्रभाव, गरिमा और उपयोग कम किया जा रहा है। हमें चिंता करनी चाहिए कि हम लीग ऑफ नेशंस के हश्र को नहीं देखते हैं। उनका विनाश इसलिए हुआ, क्योंकि वे सुधार के लिए तैयार नहीं थे। हमें उस गलती को दोहराना नहीं चाहिए।
Created On :   29 Sept 2018 7:54 PM IST