सीरिया से सेना हटाने पर फ्रांस ने की यूएस की आलोचना, बोले- सहयोगी भरोसेमंद होना चाहिए

macron criticized trump on syria said an ally should be dependable
सीरिया से सेना हटाने पर फ्रांस ने की यूएस की आलोचना, बोले- सहयोगी भरोसेमंद होना चाहिए
सीरिया से सेना हटाने पर फ्रांस ने की यूएस की आलोचना, बोले- सहयोगी भरोसेमंद होना चाहिए
हाईलाइट
  • मैक्रों ने अफसोस जताते हुए कहा कि यूएस का यह फैसला विवादास्पद है।
  • मैक्रों ने कहा कि एक सहयोगी को भरोसेमंद जरूर होना चाहिए।
  • मैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने के निर्णय की आलोचना की है।

डिजिटल डेस्क, चाड। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने के फैसले की आलोचना की है। मैक्रों ने अफसोस जताते हुए कहा कि यूएस का यह फैसला विवादास्पद है। मैक्रों ने यूएस की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा कि "जब कोई देश किसी से दोस्ती करता है, तो एक दूसरे के साथ चलने का फैसला करता है, लेकिन यूएस इसके खिलाफ चला गया है।" मैक्रों ने कहा कि एक सहयोगी को भरोसेमंद जरूर होना चाहिए। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया था।

फ्रांस के चाड में सैनिकों से मिलने के बाद मैक्रों ने कहा, मुझे यूएस द्वारा सीरिया के मसले पर लिए गए फैसले पर बहुत गहरा अफसोस है। सहयोगी होने का मतलब कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना है। यह देश के प्रमुख और सेना प्रमुख के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है। मैक्रों ने इसके अलावा ISIS से लड़ने वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने जो किया, वह वाकई हिम्मतवाला काम है। दरअसल सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस ने पूर्वी और उत्तरी सीरिया को ISIS से छुटकारा दिलवाने में मदद की थी।

वहीं ट्रंप ने सोमवार को अपने सेना को बुलाने वाले फैसले का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि टर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने मुझसे बात की है। उन्होंने कहा है कि सीरिया में जो भी आतंक बचा है, उसे वह समाप्त कर देंगे। मुझे पता है कि उनमें काबीलियत है। हमारे सैनिक वापस आ रहे हैं! इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा था कि उनका देश नहीं चाहता कि ईरान सीरिया में अपने मिलिट्री ऑपरेशन बढ़ाए। नेतन्याहू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इजरायल सीरिया में अपना मिलिट्री ऑपरेशन चलाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि यूएस के इस फैसले से सीरिया में रूस और ईरान का प्रभाव बढ़ सकता है। 

 

 

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अमेरिकी सैनिकों को सीरिया से वापस बुलाने का ऐलान किया था। ट्रंप ने कहा था कि यूएस ने ISIS को हरा दिया, लेकिन उनपर जीत हासिल करना इस लड़ाई का अंत नहीं है। हम इस अभियान के दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं, इसलिए हमने अमेरिकी  सैनिकों को बुलाना शुरू कर दिया है। इस्लामिक आतंक को रोकने की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। ट्रंप के इस कदम के बाद यूएस के रक्षामंत्री जिम मैटिस इस फैसले से नाराज हो गए थे और इस्तीफा दे दिया था। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत ब्रेट मैकगर्क ने भी फैसले के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। 

Created On :   24 Dec 2018 11:01 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story