मालदीव में इमरजेंसी का ऐलान, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

Maldives President Declares Emergency, India Warns travellers
मालदीव में इमरजेंसी का ऐलान, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
मालदीव में इमरजेंसी का ऐलान, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव में बढ़ते राजनीतिक गतिरोध के बीच 15 दिनों की इमरजेंसी लगा दी गई है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने इसका ऐलान किया। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। यहीं से संकट की शुरुआत हुई। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था।

 
सरकारी टेलीविजन पर ऐलान

भारतीय समय के मुताबिक सोमवार शाम सरकारी टेलीविज़न पर राष्ट्रपति की सहयोगी अज़िमा शुकूर ने आपातकाल का ऐलान किया। मालदीव के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी सूचना दी गई है। राष्ट्रपति के दफ़्तर की ओर से जारी सूचना में कहा गया है, "मालदीव के अनुच्छेद 253 के तहत अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने आपातकाल का एलान कर दिया है। इस दौरान कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाएं और व्यापार इससे बेअसर रहेंगे।" राष्ट्रपति दफ़्तर ने आगे कहा, "मालदीव सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि देश के सभी नागरिकों और यहां रह रहे विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।"

 

 

 

भारतीयों को सलाह

भारत के विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को मालदीव जाने से बचने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर ट्रेवल एडवाइज़री साझा की। उन्होंने कहा कि अगली सूचना तक भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि जब तक बहुत जरूरू न हो तब तक वह मालदीव की यात्रा न करे। 

 

 


यमीन के शासन पर अचानक संकट

राष्ट्रपति यमीन का शासन बीते शुक्रवार को अचानक संकट में आ गया था जब वहां की सर्वोच्च अदालत ने नौ सांसदों की रिहाई का आदेश दे दिया था। ऐसा होने पर संसद में विपक्ष का बहुमत हो जाता। उसके बाद राष्ट्रपति यामीन ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार कर दिया और संसद को निलंबित कर दिया। उन्होंने कुछ अधिकारियों को बर्ख़ास्त भी कर दिया।
 

माले की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन

राष्ट्रपति यामीन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई का आदेश देकर अपने अधिकारों की सीमा लांघी है। सुप्रीम कोर्ट के कदम के बाद से मालदीव में हालात तनावपूर्ण हैं। राजधानी माले की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के बीच सेना को तैनात किया गया है। संसद भवन के पास भी भारी तादाद में जवान मौजूद हैं।

 

2013 से सत्ता में यामीन

यामीन 2013 से मालदीव की सत्ता संभाल रहे हैं। अमेरिका और भारत लगातार मालदीव के राष्ट्रपति पर मोहम्मद नाशीद को रिहा करने का दबाव बना रहे है। बता दें कि मोहम्मद नाशीद मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति है। साल 2012 में पुलिस विद्रोह के बाद नाशीद को मजबूरी में पद छोड़ना पड़ा था। तभी से वहां राजनीतिक अस्थिरता है। सेना को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश को अमल में लाने से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

Created On :   5 Feb 2018 11:09 PM IST

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