मालदीव संकट: 9 राजनीतिक बंदियों की रिहाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट से निरस्त

डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच यहां के सुप्रीम कोर्ट ने 9 हाई प्रोफाइल राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का अपना आदेश वापस ले लिया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की गैरमौजूदगी में यह फैसला लिया गया है। देश में आपातकाल लगाए जाने के एक दिन बाद यह अहम फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट के बाकी बचे तीन जजों की ओर से कहा गया है कि वे 9 राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के आदेश को निरस्त कर रहे हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जजों ने बयान जारी कर कहा कि यह फैसला राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को मद्देनजर रखते हुए लिया जा रहा है। इन राजनीतिक बंदियों में निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सोमवार शाम को 15 दिन की इमरजेंसी का ऐलान कर दिया था। इसके कुछ देर बाद ही पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम और चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद को गिरफ्तार कर लिया गया था।
President Declares State of Emergencyhttps://t.co/MjqwBxQOHn
— Presidency Maldives (@presidencymv) February 5, 2018
सरकारी टेलीविजन पर हुई इमरजेंसी की घोषणा
भारतीय समय के मुताबिक सोमवार शाम सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्रपति की सहयोगी अजिमा शुकूर ने एमरजेंसी की घोषणा की गई। मालदीव के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इस बात की जानकारी दी गई। राष्ट्रपति के ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "मालदीव के अनुच्छेद 253 के तहत अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल गयूम ने इमरजेंसी का एलान कर दिया है। इस दौरान कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाएं और व्यापार इससे बेअसर रहेंगे।" बयान में आगे कहा गया है, "मालदीव सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि देश के सभी नागरिकों और यहां रह रहे विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।"
Indian nationals are advised to defer all non-essential travel to Male and other atolls untill further notice. Detailed travel advisory at https://t.co/DCdCkojESK
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 5, 2018
Created On :   6 Feb 2018 11:35 PM IST