जल्द ही किंम जोंग से मुलाकात करेंगे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच जल्द ही द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जल्द ही नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात करेंगे। शनिवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि अमेरिका और उत्तरी कोरिया के बीच बैठक अगले तीन या चार सप्ताह में संभव है।
मिशिगन में एक रैली के दौरान दी जानकारी
अगले महीने मई या जून के शुरुआत में दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों पक्ष मिलकर उत्तर कोरिया के डी-न्यूक्लियराइजेशन पर सहमति बना पायेंगे। इसके अलावा सालों से चले आ रहे दोनों देशों के रिश्तों से कड़वाहट भी दूर हो सकती है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप पहले ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से बातचीत कर चुके हैं। मिशिगन में एक रैली के दौरान ट्रंप ने साउथ कोरियाई राष्ट्रपति से चर्चा का जिक्र करते हुए अपने स्पीच में कहा कि दक्षिण कोरियाई नेता से उन्हें उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ स्पष्ट प्रगति के लिए बातचीत करने का श्रेय मिला है। पनमुनजोम में आशा और सकारात्मकता चमक के साथ किम जोंग उन और राष्ट्रपति मून जे इन ने ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन समाप्त किया। इसी से प्रेरणा लेकर अब वो भी आगे बढ़ रहे हैं।
नार्थ कोरिया ने की ऐतिहासिक शुरुआत
ट्रंप ने ये भी कहा कि दुनिया एक संभावित आपदा से बच गई है। जिसमें ओलंपिक और उत्तरी कोरिया की भागीदारी ने चीजों को बदलने में काफी मदद की है। किम जोंग ने नार्थ कोरिया से बात कर नई शुरुआत की है। किम जोंग दक्षिण कोरियाई मिट्टी पर कदम रखने वाले पहले कोरियाई नेता बन गए हैं। जब उन्होंने डेमिलिटराइज्ड जोन (DMZ) में पनमुनजोम गांव में बार्डर पार किया। ये दुनिया की सबसे अधिक संरक्षित सीमा है। जो कि दो देशों को अलग करता है। 1953 में हुए कोरियाई युद्ध के बाद पहली बार नार्थ कोरिया और साउथ कोरिया के नेताओं ने हाथ मिलाया है।
इंटर कोरियाई शिखर सम्मेलन अपने आप में अनूठा
27 अप्रैल 2018 को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच शिखर वार्ता हुई। ट्रंप ने कहा कि इंटर कोरियाई शिखर सम्मेलन अपने आप में अनूठा था क्योंकि यह एक दशक से अधिक समय में पहली बार हुआ। इससे पहले दो शिखर सम्मेलन 2000 और 2007 में प्योंगयांग में हुए थे लेकिन पहली बार शिखर सम्मेलन दक्षिण कोरिया में आयोजित किया गया।
1950 -1953 के बीच हुआ था युद्ध
दोनों कोरियाई देशों के बीच युद्ध 1950 से 1953 के बीच हुआ था। जो एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ था। उनके बीच कोई भी शांति समझौते नहीं हुए थे। हालांकि अभी भी किसी शांति संधि पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं लेकिन द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों कोरियाई देशों ने संयुक्त घोषणा में औपचारिक रूप से एक दस्तावेज का उद्घाटन किया है। जिसे कोरियाई प्रयद्वीप पर ‘शांति, समृद्धि और एकीकरण के लिए पनमुनजोम घोषणा’ नाम दिया गया है।
शांति के नए युग का उदय
दोनों नेताओं ने इस घोषणा को पढ़ा और समझौता किया कि अब दोनों देशों के बीच कोई युद्ध नहीं होगा। भाईचारे को बढ़ावा देते हुए शांति के नए युग की शुरुआत करेंगे। हालांकि दोनों कोरियाई नेता दोनों देशों के बीच 6 दशकों के पुराने युद्ध को समाप्त करते हुए इस साल के अंत तक में औपचारिक रूप से शांति संधि पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए हैं। मून ने भी दोहराते हुए कहा कि यह शांति के एक नए युग का उदय है।
अन्य देशों ने भी की कोरियाई देशों के शिखर सम्मेलन की सराहना
राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के मुताबिक दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति भी इस साल के अंत तक में प्योंगयांग जा सकते हैं। वहीं चीन, रूस, जापान जैसे कई देशों ने भी दोनों कोरियाई देशों के बीच हुए सफल शिखर सम्मेलन और उसके सकारात्मकता परिणाम की सराहना की है।
Created On :   29 April 2018 8:59 AM IST