मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति बोले- 1988 की तरह ही मालदीव की मदद करे भारत

Mohamed Nasheed says, India should help the Maldives like 1988
मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति बोले- 1988 की तरह ही मालदीव की मदद करे भारत
मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति बोले- 1988 की तरह ही मालदीव की मदद करे भारत

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। मालदीव में गहराते राजनीतिक संकट के बीच पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद मांगी है। नशीद ने कहा है कि साल 1988 में जिस तरह भारत ने मालदीव संकट सुलझाया था। ठीक उसी तरह इस बार भी भारत को हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए। नशीद ने ट्वीट किया, "विवाद को आतंरिक तौर पर हल करने की बात कहना विद्रोह की आग भड़का सकता है। मालदीव की जनता ने साल 1988 में राजनीतिक संकट के दौरान भारत की सकारात्मक भूमिका को देखा है। भारत ने उस समय संकट हल किया और चले गए। भारत ने यहां कब्जा जमाने का नहीं सोचा। वह कब्जा जमाने वाला नहीं, आजादी दिलाने वाला देश है। इसलिए आज एक बार फिर मालदीव अपने संकट को हल करने के लिए भारत की ओर देख रहा है।"
 

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नशीद ने मंगलवार को भी एक ट्वीट कर भारत से मालदीव में सेना भेजने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, "मालदीव के लोगों की ओर से मैं भारत से निवेदन करता हूं कि कि भारत सरकार अपनी सेना भेजे और जजों एवं राजनीतिक कैदियों को रिहा कराए। गिरफ्तार किए गए लोगों में पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम भी शामिल हैं। हम भारत की फिजिकल प्रजेंस की मांग करते हैं।" नशीद ने अमेरिका से भी मालदीव क्षेत्र के नेताओं के यूएस बैंकों के सभी फाइनेंशियल ट्रांसेक्सन रोकने की मांग की थी।

 

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बता दें कि सोमवार को मालदीव में आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। सोमवार को यहां सुप्रीम कोर्ट के दो शीर्ष जजों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों जजों ने विपक्ष के 9 राजनैतिक कैदियों को रिहा करने का फैसला सुनाया था। आपातकाल की घोषणा के साथ ही मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के अपने आदेश को भी वापस ले लिया था।

Created On :   7 Feb 2018 8:54 PM IST

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