मुशर्रफ ने देशद्रोह मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने को चुनौती दी

Musharraf challenged decision to be reserved in treason case
मुशर्रफ ने देशद्रोह मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने को चुनौती दी
मुशर्रफ ने देशद्रोह मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने को चुनौती दी

लाहौर, 24 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने अपने खिलाफ चल रहे देशद्रोह मामले में विशेष अदालत द्वारा फैसला सुरक्षित रखे जाने को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दी है और आग्रह किया है कि विशेष अदालत को फैसला सुनाने से रोका जाए।

इस्लामाबाद स्थित विशेष अदालत ने 18 नवंबर को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला 28 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट में अपने वकील ख्वाजा अहमद तारिक रहीम के जरिए दर्ज याचिका में कहा है कि वह अपने इलाज के लिए विदेश में हैं, इसलिए वह अपना बचाव अदालत में नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने उनके मामले में कानूनी औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है।

मुशर्रफ ने हाईकोर्ट से अपील की है कि विशेष अदालत को उनके मामले में फैसला सुनाने से रोका जाए। वह खुद अदालत में पेश होकर मामले में अपना पक्ष रखना चाहते हैं, उन्हें इसका मौका दिया जाए। उन्होंने आग्रह किया है कि देशद्रोह के इस मामले की सुनवाई को तब तक रोका जाए जब तक वह स्वस्थ नहीं हो जाते और अदालत में पेश होकर अपना पक्ष नहीं रख देते।

तत्कालीन मुस्लिम लीग-नवाज सरकार ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ नवंबर 2007 में देश में संविधानेत्तर आपातकाल लागू करने के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा उड़ान के लिए प्रतिबंधित लोगों की सूची से मुशर्रफ का नाम निकाले जाने के बाद वह 18 मार्च 2016 को इलाज के लिए दुबई चले गए। इसके कुछ महीनों बाद एक से अधिक बार समन भेजे जाने पर वह हाजिर नहीं हुए तो विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर उनकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था।

Created On :   24 Nov 2019 5:30 PM IST

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