रोहिंग्या पर रिपोर्ट तैयार करने म्यांमार गए रॉयटर्स के दो पत्रकारों को 7 साल की कैद

रोहिंग्या पर रिपोर्ट तैयार करने म्यांमार गए रॉयटर्स के दो पत्रकारों को 7 साल की कैद
हाईलाइट
  • म्यांमार के न्यायधीश ने सुनाई सजा
  • 30 बार कोर्ट में पेश हो चुके थे दोनों पत्रकार।
  • रॉयटर्स के दो पत्रकारों को सात साल की सजा।
  • रोहिंग्या मुसलमानों पर रिपोर्ट तैयार करने म्यांमार गए थे दोनों पत्रकार।

डिजिटल डेस्क, वर्मा। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर गलत रिपोर्ट तैयार करने वाले रॉयटर्स के दो पत्रकार ला लोन और कयाव सोई ओ को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। पत्रकारों पर अवैध रूप से आधिकारिक दस्तावेज रखने का आरोप है। दोनों पत्रकार रखाइन राज्य में रोहिंग्या मुसलमान अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं पर रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। दोनों पत्रकारों को म्यांमार के शासकीय गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन का दोषी करार दिए जाने पर न्यायालय ने 7 साल की सजा सुनाई है।  

 

 

गौरतलब है कि दोनों पत्रकारों को दो पुलिसकर्मियों से मुलाकात के बाद 12 दिसंबर 2017 की रात को गिरफ्तार किया गया। दोनों को तब से बिना जमानत के हिरासत में रखा गया था और अदालत के समक्ष करीब 30 बार प्रस्तुत किया गया दोनों पत्रकारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें म्यांमार के औपनिवेशिक कालीन सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ना ठहराया जाए। पत्रकारों ने दलील दी है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार की क्रूर कार्रवाई के संबंध में खोजी पत्रकारिता करने और उसकी खबरें लिखने के लिए पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। 

 

 


पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की राजदूत निक्की हेली का कहना था कि हमें उम्मीद है कि म्यांमार सरकार अवैध रूप से आधिकारिक दस्तावेज रखने के आरोपी बनाये गए पत्रकारों को बरी कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हेली ने सुरक्षा परिषद के समक्ष कहा था कि किसी भी लोकतंत्र के लिए एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस महत्वपूर्ण है हमें पत्रकारों की रिहाई के लिए भी दबाव जारी रखना चाहिए जो इस मानवीय त्रासदी पर रिपोर्ट कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

Created On :   3 Sep 2018 5:37 AM GMT

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