पाक विदेश मंत्री बोले- भारत की जुबान बोल रहे हैं ट्रंप

Pak Foreign Minister says Trump is speaking in the language of India
पाक विदेश मंत्री बोले- भारत की जुबान बोल रहे हैं ट्रंप
पाक विदेश मंत्री बोले- भारत की जुबान बोल रहे हैं ट्रंप

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच खाई अब बढ़ती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोकने और आतंक के मुद्दे पर ढेर सारे आरोप लगाने के बाद दोनों देश एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ओर से बयानबाजी तेज हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार को पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका पर भारत की जुबान में बोलने का आरोप लगाया है।

ख्वाजा आसिफ ने कहा, "ट्रंप भारत की जुबान में बोल रहे हैं। अमेरिकी नेताओं के बयान तथ्यों से उलट है।" उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में अपनी असफलता के लिए अमेरिका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है। यह बातें ख्वाजा आसिफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संसदीय समिति को संबोधित करते हुए कही।

 

 



पाक विदेश मंत्री ने इससे पहले भी इस मामले पर अमेरिका को झूठा करार दिया था। ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट कर डोनाल्ड ट्रंप को ही चुनौती दे डाली थी। उन्होंने लिखा था, "अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की मदद की है। वह चाहे तो हमारे पैसे से एक ऑडिट फर्म हायर करें और जांच करा लें, साबित हो जाएगा कि कौन झूठा है।"

 

 



गौरतलब है कि आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान के झूठ से परेशान होकर अमेरिका ने पाक को बड़ा झटका देते हुए उसे दी जाने वाली 1624 करोड़ की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी है। इस फैसले के 1 दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगार देने के लिए इस्लामाबाद को लताड़ लगाई थी। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार को झूठ और धोखा देने वाली सरकार बताया था। उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों को पनाह देकर पाकिस्तान हमेशा से अमेरिकी नेताओं को मूर्ख बनाता रहा है।

ट्रंप की इन टिप्पणियों के बाद पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डेविड हेल को तलब किया गया था। पाक विदेश सचिव तेहमीना जांजुआ ने डेविड हेल से इस मसले पर स्पष्टीकरण भी मांगा था।

ट्रंप की टिप्पणियों के बाद लगातार दोनों देशों की ओर से विवाद बढ़ाने वाले बयान सामने आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने पाकिस्तान को वॉशिंगटन के साथ डबल गेम खेलने वाला देश बताया था। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए निक्की हेली ने कहा था, "पाकिस्तान को 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि रोकना अमेरिका का एक सही फैसला है। पाकिस्तान कई वर्षों से हमारे साथ दोहरा खेल खेलता रहा है। ऐसे में उसे सैन्य सहायता देने का कोई मतलब नहीं बनता। उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान एक ही समय में हमारे साथ काम करता है और उसी समय आतंकवादियों को भी पनाह देता है जो अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों पर हमला करते हैं। प्रशासन इस खेल को बर्दाशत नहीं करेगा।"

इसी क्रम में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री अहसान इकबाल ने बुधवार को अमेरिका को सोवियत अफगान युद्ध याद दिलाई थी। अमेरिका पर निशाना साधते हुए अहसान इकबाल ने कहा था, "सोवियत के साथ युद्ध जीतने के लिए अमेरिका ने चरमपंथ को बढ़ावा दिया और युद्ध खत्म होने के बाद वह पीछे हट गया। अफगानिस्तान में ऐंटी-सोवियत के रूप में जो कट्टरपंथ शुरू हुआ वह आगे जाकर बड़े आतंकवादी संगठन में बदल गया और अब अमेरिका द्वारा बोए गए बीज की कीमत पाकिस्तान चुका रहा है।" उन्होंने कहा था, "चरमपंथ के जिस बीज के जरिए अमेरिका जीतता आया है, उससे कंप्युटर चिप नहीं पैदा होंगे, बल्कि यह आतंकवाद और चरमपंथ ही पैदा करेंगे। इसके लिए पाकिस्तान को दोष देना गलत है।"

Created On :   4 Jan 2018 10:31 PM IST

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