'एक हो रहे हैं इजरायल-अमेरिका और भारत, मुस्लिम देशों को भी साथ आना होगा'

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। भारत के अमेरिका और इजरायल से बढ़ते दोस्ताना सम्बंधों को लेकर पाकिस्तान सरकार चिंतित है। उनकी यह चिंता पाकिस्तानी सीनेट के चेयरमैन रजा रब्बानी के हालिया बयान से लगाई जा सकती है। रब्बानी ने कहा है कि अमेरिका, इजरायल और भारत के बीच बढ़ता गठजोड़ मुस्लिम देशों के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा है कि इससे निपटने के लिए सभी मुस्लिम राष्ट्रों को साथ आने की जरुरत है।
पार्ल्यामेंटरी यूनियन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (PUIC) के 13 वें सत्र को संबोधित करते हुए रब्बानी ने कहा, "दुनिया में विभिन्न देशों के बीच रिश्तों में बदलाव देखा जा रहा है। अमेरिका अब पाकिस्तान से दूर हटकर भारत के करीब जा रहा है। इजरायल का झुकाव भी भारत की ओर ज्यादा है। ऐसे में मुस्लिम राष्ट्रों को सतर्क रहने की जरुरत है। आज ये पाकिस्तान और ईरान के साथ हो रहा है। कल किसी और देश के साथ ऐसा हो सकता है।" उन्होंने मुस्लिम देशों से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम देशों को व्यापार, निवेश, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहिए।
रब्बानी ने यह भी कहा कि मुस्लिम देशों को विचारधारा और अलग-अलग संप्रदाय से ऊपर उठकर मतभेद खत्म करने होंगे, ताकि आने वाले समय की चुनौतियों से निपटा जा सके।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से अमेरिका लगातार पाकिस्तान को आतंक को पनाह देने के मामले में फटकार लगाता रहा है। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर भी रोक लगा दी है। इसे लेकर अमेरिका-पाकिस्तान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला था। रब्बानी अमेरिका से छिटकते पाकिस्तान रिश्तों पर ही बोल रहे थे। उन्होंने इस दौरान ईरान का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शन को अमेरिका ने अपना समर्थन दिया था।
PUIC में संबोधन के दौरान रब्बानी ने अमेरिका द्वारा येरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देना का भी विरोध किया। रब्बानी ने कहा कि पाकिस्तान येरूशलम को इजरायली की राजधानी बताने के डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान का पुरजोर विरोध करता है। रब्बानी ने इस दौरान येरूशलम को अल कुद्स कहकर पुकारा, जो कि येरूशलम का अरबी नाम है।
Created On :   18 Jan 2018 7:09 PM IST