अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, PM इमरान बोले- इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं

Pakistan cannot be held responsible for Taliban actions: PM Imran Khan
अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, PM इमरान बोले- इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं
अफगानिस्तान में बिगड़े हालात, PM इमरान बोले- इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं
हाईलाइट
  • PM इमरान ने कहा इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं
  • अफगानिस्तान के हालत बिगड़ते जा रहे हैं
  • तालिबान ने अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर कब्जा किया

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। अफगानिस्तान के हालत बिगड़ते जा रहे हैं। तालिबान अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुका है। अफगानिस्तान के इन हालतों को लेकर पाकिस्तान को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान की बिगड़ती स्थिति के लिए उनके देश के खिलाफ बार-बार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है, साथ ही इस्लामाबाद हमेशा शांति और अपने पड़ोसी के लिए एक समावेशी सरकार की स्थापना चाहता है, क्योंकि यह दोनों देशों की भलाई के लिए होगा।

इस्लामाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए, खान ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान का प्रवक्ता नहीं है और न ही इसका इससे कोई लेना-देना है कि आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में क्या कर रहा है। उन्होंने कहा, तालिबान जो कर रहा है या नहीं कर रहा है उसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है और हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, न ही हम तालिबान के प्रवक्ता हैं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में शांति चाहता है। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव हद तक जाने को तैयार है और रहेगा। हालांकि, उन्होंने तालिबान के खिलाफ बल प्रयोग से इनकार किया।

इमरान खान ने कहा, हम मानते हैं कि अफगानिस्तान को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। हमारी नीति अफगानिस्तान के लोगों के साथ सबसे अच्छे संबंध रखने की है। अफगानिस्तान में अभियान चलाने के लिए पाकिस्तानी ठिकानों का इस्तेमाल करने की अमेरिका की मांग का जिक्र करते हुए खान ने कहा, मैं यह समझने में विफल हूं कि अमेरिका बाहर बैठकर अफगानिस्तान में क्या हासिल कर सकता है, क्योंकि यह 20 साल तक अफगानिस्तान के अंदर रहने के दौरान बुरी तरह विफल रहा।

प्रधानमंत्री इमरान ने खेद व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में अशांति को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए उनके देश को दोषी ठहराया जा रहा है, और जोर देकर कहा कि एक अस्थिर काबुल इस्लामाबाद के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में गृहयुद्ध के लिए पाकिस्तान की क्या दिलचस्पी हो सकती है? हम तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के अलावा सब कुछ करेंगे क्योंकि ऐसा करने से पाकिस्तान केवल एक संघर्ष में ही फसेगा।

प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, अगर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध होता है, तो इसका फैलाव पाकिस्तान के कबायली इलाकों में हो जाएगा। हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम पहले ही 70,000 से अधिक पाकिस्तानियों को खो चुके हैं जब देश ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में हिस्सा लिया था।

इमरान खान ने भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में भी बात की, जिसमें कहा गया कि इस्लामाबाद अफगान शांति प्रक्रिया में नई दिल्ली की किसी भी भागीदारी को तब तक स्वीकार नहीं करेगा, जब तक कि वह 4 अगस्त, 2019 के अवैध निर्णय को उलट नहीं देता। उन्होंने कहा, पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ शांति चाहता है, लेकिन यह भारत ही है जो शांति नहीं चाहता है क्योंकि वर्तमान में वह आरएसएस की विचारधारा के प्रभाव में है।

Created On :   29 July 2021 4:15 PM IST

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