पाकिस्तान ने दिया अमेरिका को जवाब, अमेरिकी राजनयिकों पर लगाया प्रतिबन्ध
- अब पकिस्तान में अमेरिकी राजनयिक भी आजादी से यात्रा नहीं कर सकेंगे।
- किस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा की गयी घोषणा के अनुसार
- पकिस्तान में रह रहे अमेरिकी राजनयिक अब से स्वतंत्र रूप से कहीं जा नहीं पाएंगे
- तय सीमा से बाहर जाने पर उन्हें पाक सरकार से अनुमति लेनी होगी।
- पाक सरकार के अनुसार यह प्रतिबन्ध 11 मई से लागू कर दिया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। अब पकिस्तान में अमेरिकी राजनयिक भी आजादी से यात्रा नहीं कर सकेंगे। पकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा की गयी घोषणा के अनुसार, पकिस्तान में रह रहे अमेरिकी राजनयिक अब से स्वतंत्र रूप से कहीं जा नहीं पाएंगे, तय सीमा से बाहर जाने पर उन्हें पाक सरकार से अनुमति लेनी होगी। पाक सरकार के अनुसार यह प्रतिबन्ध 11 मई से लागू कर दिया जाएगा।
दरअसल कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में पाकिस्तानी राजनयिकों पर बिना अनुमति कहीं आने जाने पर रोक लगा दी थी। ट्रम्प सरकार द्वारा लगाई गयी रोक के बाद पकिस्तानी राजनयिक 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर नहीं जा सकते हैं।
अमेरिका को पाक का जवाब
पकिस्तान सरकार के इस फैसले को अमेरिका द्वारा की गयी प्रतिबन्ध कारवाई का जवाब माना जा रहा है। हालांकि पाक में अमेरिका के राजनयिकों को इससे पहले से भी कई इलाकों जैसे में जाने की इजाजत नहीं है, पाक सरकार द्वारा यह प्रतिबन्ध उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाया गया था, जिसके बाद अमेरिका ने नाराजगी जाहिर करते हुए पाक राजनयिकों पर भी प्रतिबन्ध लागू कर दिया था।
पाकिस्तान का आरोप
पाकिस्तान ने अमेरिका पर आरोप लगते हुए कहा कि "अफगानिस्तान के कई अन्दर कई बड़े आतंकी लड़ाके और उनके नेता छिपे हुए हैं और यह सब NATO और अमेरिकी सेना की निगरानी में हो रहा है"। पकिस्तान ने अमेरिका से जमात उल अहरार के नेता अब्दुल वाली का नाम UNSC सेंकशन कमेटी की आतंकवादी लिस्ट में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन अमरीका द्वारा उसका नाम नहीं जोड़ा गया। वाली का नाम नहीं जोड़े जाने के कारण पाक ने राजनयिकों के आवागमन पर पर नियंत्रण रखने का निर्णय लिया।
अमेरिका की दोहरी सोच
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अफ़सोस जताते हुए कहा कि, अमेरिका आतंकवाद से लड़ने के लिए दोहरी सोच का इस्तेमाल कर रहा है, अगर उमर खालिद खुरासानी यानी अब्दुल वाली की पार्टी जमात उल अहरार का नाम UNSC सेंकशन कमेटी की सूची में है तो अब्दुल वाली का क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि अब्दुल वाली कुख्यात आतंकी है, जिस पर कई मासूम पाकिस्तानियों की हत्या का आरोप है।
Created On :   11 May 2018 2:34 PM GMT