PAK राजनयिक की वापसी पर बड़ा सस्पेंस, वापसी के आसार कम

Pakistan High Commissioner called home would not return to India soon
PAK राजनयिक की वापसी पर बड़ा सस्पेंस, वापसी के आसार कम
PAK राजनयिक की वापसी पर बड़ा सस्पेंस, वापसी के आसार कम

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के राजनयिकों के कथित उत्पीड़न को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान के आरोपों के बाद वापस बुलाए गए उनके राजनयिक सोहैल महमूद की वापसी टल सकती है। इससे पहले उम्मीद की जा रही थी की बैठक के बाद सोहैल महमूद को वापस भारत भेजा जाएगा। मीडिया में उठे सवालों के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया था।

पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने ये दावा किया है कि पाकिस्तान जल्द ही अपने राजनयिक को भारत वापस भेजने नहीं वाला है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्र ने बताया कि जब तक भारत में राजनयिकों और उनके बच्चों के कथित उत्पीड़न बंद नहीं होते, तब तक वह नई दिल्ली नहीं जाएंगे। वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि, "जब दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे दौर में थे, उस वक्त भी बच्चों का उत्पीड़न नहीं किया गया था।" मौजूदा हालात में सोहेल महमूद के लिए नई दिल्ली में काम करना मुमकिन नहीं था। पाकिस्तानी उच्चायुक्त अभी अनिश्चितकाल के लिए पाकिस्तान में ही रहेंगे।

इससे पहले उच्चायुक्त सुहैल महमूद को वापस इस्लामाबाद बुलाने पर पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि उन्हें अनिश्चित समय के लिए महमूद को वापस बुलाया गया है। हालांकि भारत ने इसे एक रूटीन प्रोसेस बताते हुए खबरों का खंडन किया था। पाकिस्तानी उच्चायुक्त को वापस बुलाने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि मैं इस तरह की बातों से हैरान हूं कि ऐसे सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? रवीश कुमार ने कहा था कि ये एक रूटीन प्रोसेस है। इसमे कुछ भी असामान्य नहीं है। उन्होंने साफ कहा था कि यह सामान्य बात है कि राजनयिकों को अपने देश बुलाया जाए और चर्चा की जाए।

पाक ने लगाया था भारत पर आरोप
पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग और दिल्ली में स्थित विदेश मंत्रालय को जो लिखित शिकायत की था.. उसमे लिखा था, पाकिस्तानी डिप्टी हाई कमिश्नर के बच्चों को स्कूल जाते वक्त बीच रास्ते में परेशान किया जाता है। उसके एक सीनियर राजनयिक को भी उल्टा-सीधा बोला गया। आरोपों के मुताबिक, राजनयिकों की गाड़ियों को बेवजह रोका जाता है। ये सब कुछ पिछले तीन-चार दिनों से शुरू हुआ है। पाकिस्तान की शिकायत यहीं खत्म नहीं होती, उसका कहना है कि उच्चायोग में काम करने वाले भारतीयों को काम पर भी नहीं आने दिया जा रहा है। 

भारत का जवाब
भारत ने भी कुछ इसी तरह के आरोप पाकिस्तान पर लगाए थे। मिडाय रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को बुरी तरह से परेशान किया जाता है। उच्चायुक्त की कार को पिछले दिनों पाकिस्तानी एजेंसियों ने एक व्यस्त सड़क के बीच में रोका ताकि उन्हें एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोका जा सके।

Created On :   17 March 2018 7:16 PM IST

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