FATF: पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किले, चीन ने नए प्रस्ताव से भी खींचा हाथ

Pakistan may find itself on FATF blacklist after June
FATF: पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किले, चीन ने नए प्रस्ताव से भी खींचा हाथ
FATF: पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किले, चीन ने नए प्रस्ताव से भी खींचा हाथ

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के बाद अब पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। FATF के एक्शन के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव से चीन ने अपने हाथ खींच लिए है और पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया है। ऐसे में पाकिस्तान की इकॉनमी के ब्लैकलिस्ट होने का खतरा पैदा हो गया है। अगर जून तक पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग को खत्म करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार नहीं की तो उसका नाम ब्लैकलिस्ट में शामिल देशों में शुमार कर लिया जाएगा। इस जबरदस्त असर पाकिस्तान की इकॉनोमी पर पड़ेगा।

चीन ने पाक को दी जानकारी
पाकिस्तान के एक अखबार के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान को इस बात की सूचना दे दी है कि अब वह इस मामले से बाहर रहने वाला है। चीन ने कहा है कि असफल होने वाले प्रस्ताव को अपना समर्थन देकर वह अपनी स्थिति को कमजोर नहीं बना सकता। बता दें कि 37 देशों वाले फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पिछले हफ्ते पैरिस में फुल मेंबर बैठक की थी। बैठक में अमेरिका ने पाकिस्तान को "आतंकवाद के वित्तपोषण" का मुकाबला करने में "रणनीतिक कमियों" वाले देश के रूप में चिन्हित करने का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव को ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी का समर्थन था, लेकिन सऊदी अरब, चीन और तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया था। 

अमेरिका ने सऊदी को किया था अपने पक्ष में
इसके बाद अमेरिका ने दूसरी बार मीटिंग में चर्चा के लिए इस प्रस्ताव को रखा। क्योंकि सऊदी अरब  FATF का फुल मेंबर नहीं है इसीलिए अमेरिका ने सऊदी अरब को फुल मेंबरशिप दिलाने की बात कहकर अपने पक्ष में कर लिया। इसके बाद पाकिस्तान के समर्थन में केवल दो देश चीन और तुर्की रह गए। FATF में किसी भी नए कदम को रोकने के लिए कम से कम 3 सदस्य देशों का समर्थन होना चाहिए। सऊदी के हाथ खींचने के बाद साफ हो गया कि इस प्रस्ताव को रोका नहीं जा सकता। इसीलिए चीन ने भी असफल होने वाले प्रस्ताव से अपना समर्थन वापस ले लिया।


कई बार अमेरिका दे चुका है चेतावनी
गौरतलब है कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराए जाने के चलते अमेरिका से कई बार फटकार पड़ चुकी है। यूएन से भी पाकिस्तान को इस सम्बंध में चेतावनी दी जाती रही है। भारत भी अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान में पनप रहे आतंक का मुद्दा उठाता रहा है। बावजूद इन सबके पाकिस्तान में अब तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। एफएटीएफ ने भी पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने के लिए तीन महीने का समय दिया था लेकिन वह विफल रहा। इन्हीं कारणों के चलते अंतरराष्ट्रीय संस्था ने यह कदम उठाया है।      

Created On :   26 Feb 2018 8:22 PM IST

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