आतंकियों के खिलाफ एक्शन प्लान सौंपने के बावजूद ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान

pakistan placed on grey list by financial action task force for terror funding
आतंकियों के खिलाफ एक्शन प्लान सौंपने के बावजूद ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान
आतंकियों के खिलाफ एक्शन प्लान सौंपने के बावजूद ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान
हाईलाइट
  • ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है।
  • पाकिस्तान एक बार फिर ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है।
  • पाकिस्तान को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने एक बार फिर ग्रे लिस्ट में डाल दिया है।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान एक बार फिर दुनियाभर में बदनाम हुआ है। आतंकवादियों को फंडिंग रोक पाने में असफल रहे पाकिस्तान को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने एक बार फिर ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। पाक के लिए राहत भरी खबर बस यह है कि वो एक बार फिर ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा है।

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने FATF को अपना 26 सूत्री एक्शन प्लान सौंपा था, ताकि वह इस कार्रवाई से बच सके, मगर ऐसा नहीं हो सका है। बताया गया है कि यह फैसला बुधवार देर रात पैरिस में FATF के प्लेनरी सेशन में लिया गया, जहां पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व उसके वित्त मंत्री शमशाद अख्तर कर रहे थे।

बता दें कि ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है। पाकिस्तान के इस लिस्ट में शामिल होने के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापार करने की इच्छुक अंतरराष्ट्रीय कंपनिया, बैंक और ऋण देने वाली अन्य संस्थाएं वहां निवेश करने से पहले कई बार सोचेंगी। पहले से ही खस्ता हालत में चल रही पाक की अर्थव्यवस्था के लिए FATF का यह कदम एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह राजनीति से प्रेरित फैसला है और इसका आतंक के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई से कोई लेनादेना नहीं है।

पाकिस्तान ने ब्लैक लिस्टेड होने से बचने के लिए FATF के समक्ष 26 सूत्री एक्शन प्लान सौंपे थे। मगर इसके एक दिन बाद ही यह खबर आ गई कि पाक को ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है। पाकिस्तान ब्लैक लिस्टेड होने से बच गया। हालांकि, ग्रे लिस्ट में जाने से भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है। बता दें कि एक्शन प्लान के तहत पाक ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की जेयूडी सहित अन्य आतंकी संगठनों को मिल रही आर्थिक फंडिंग को रोकने पर मंजूरी जताई थी।

कौन है FATF?
पैरिस में स्थित FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका गठन 1989 में किया गया था। इस संस्था का काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।

Created On :   28 Jun 2018 4:06 PM IST

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