पाक सुप्रीम कोर्ट का फैसला : नवाज शरीफ 'अयोग्य'

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को "अयोग्य" ठहरा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को हमेशा के लिए अयोग्य करार देते हुए, जीवनभर किसी भी सार्वजनिक पद का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को संविधान की धारा 62(1)(F) के तहत अयोग्य करार दिया गया है, तो वो आजीवन अयोग्य ही रहेगा। बता दें कि नवाज शरीफ को पिछले साल पनामा पेपर्स लीक में नाम सामने आने के बाद प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था।
नवाज की राजनीति पर आजीवन ब्रेक
पाकिस्तानी अखबार "डॉन" के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आजीवन अयोग्य करार दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान साकिब निसार की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि "अगर किसी व्यक्ति को संविधान की धारा 62(1) (F) के तहत अयोग्य करार दिया जा चुका है, तो फिर वो व्यक्ति आजीवन ही अयोग्य रहेगा।" इसका मतलब ये हुआ कि अब नवाज शरीफ आजीवन किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं बैठ पाएंगे, यानी कि उनका राजनीतिक करियर अब खत्म हो गया है।
पिछले साल हटाया था शरीफ को
बता दें कि नवाज शरीफ को पिछले साल 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। दरअसल, नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम का नाम पनामा पेपर्स लीक में सामने आया था। नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दिया और नवाज शरीफ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को धारा 62 और 63 के तहत अयोग्य ठहराया था, जिसके बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी के अध्यक्ष भी नहीं रह पाए थे।
नवाज और उनके परिवार पर क्या थे आरोप?
- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दो बेटों हुसैन और हसन के अलाव बेटी मरियम ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटेन के वर्जिन आइलैंड में कम से कम 4 कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से उन्होंने लंदन में 6 बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी और फिर इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने के लिए शरीफ फैमिली ने बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की मदद ली थी।
- नवाज और उनकी फैमिली पर आरोप लगा है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अनडिक्लेयर्ड इनकम (अघोषित आय) का इस्तेमाल किया गया। पनामा पेपर्स लीक में सामने आया कि नवाज शरीफ का मैनेजमेंट शरीफ फैमिली के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं। इसके बाद 6 लोगों की ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (JIT) बनाई गई, जिसने 10 जुलाई 2017 को एक रिपोर्ट पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी।
- इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नवाज के बच्चों की लाइफ स्टाइल उनकी इनकम से ज्यादा है। साल 1990 में नवाज की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टी खरीदी थी। उस दौरान नवाज प्रधानमंत्री थी और उनका दूसरा कार्यकाल था। नवाज की लंदन में प्रॉपर्टी की जांच 1999 में शुरू की गई थी, लेकिन नवाज शरीफ ने शुरुआती जांच के बाद JIT की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया था।
Created On :   13 April 2018 1:42 PM IST