पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से निपटने में अरबों के खर्च पर सवाल उठाए
इस्लामाबाद, 4 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों और तौर-तरीकों पर देश की शीर्ष अदालत ने नाखुशी जताते हुए केंद्र व राज्य सरकारों को जमकर फटकारा है। महामारी से निपटने में बरती जा रही घातक लापरवाहियों और पैसे के खर्च में पारदर्शिता के अभाव पर सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी कर दी कि लग रहा है कि केंद्र व राज्य की सरकारें लोगों के खिलाफ साजिश रच रही हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से निपटने में बरती जा रही कोताहियों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार को मामले की एक बार फिर सुनवाई की। इस मामले की इससे पहले हुई सुनवाई में भी अदालत ने विशेषरूप से केंद्र की इमरान सरकार को आड़े हाथ लिया था।
सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने विशेष रूप से कोरोना महामारी से निपटने पर अरबों रुपये के खर्च की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, यह नहीं बताया जा रहा है कि विभाग कैसे काम कर रहे हैं। सभी कुछ महज कागज पर ही होता लग रहा है। मास्क और दस्ताने खरीदने पर अरबों रुपये भला कैसे खर्च हो सकते हैं। अगर इसका ऑडिट हो तो स्थितियां साफ हों।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि संघीय व प्रांतीय सरकारें लोगों के खिलाफ साजिश रच रही हैं।
अदालत ने सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर नाखुशी जताई और इस्लामाबाद के क्वारंटीन केंद्रों की बदहाली पर अधिकारियों से कड़ी पूछताछ की।
सरकारों की तरफ से अटार्नी जनरल, प्रांतों के एडवोकेट जनरल, स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे।
केंद्र और प्रांतों द्वारा एक-दूसरे पर दोषारोपण से नाराज अदालत ने कहा कि मौजूदा हालात बयान से परे हैं। अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कोरोना से निपटने के लिए प्रांतों को अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराए।
Created On :   4 May 2020 8:30 PM IST