कश्मीर के लिए कूटनीतिक समर्थन से परे कदम उठाए पाकिस्तान

Pakistan takes steps beyond diplomatic support for Kashmir
कश्मीर के लिए कूटनीतिक समर्थन से परे कदम उठाए पाकिस्तान
कश्मीर के लिए कूटनीतिक समर्थन से परे कदम उठाए पाकिस्तान
मुजफ्फराबाद, 7 अगस्त (आईएएनएस)। भारत द्वारा कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किए जाने के खिलाफ आजाद जम्मू एवं कश्मीर (एजेके) में लोगों ने लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया और इस मसले पर पाकिस्तान से साहसिक फैसले लेने का आह्वान किया गया।

मुजफ्फराबाद में लोगों ने मंगलवार को प्रेस क्लब के निकट आजादी चौक से सेना के एक सैन्य अधिष्ठान तक जुलूस निकाला। डोमेल के निकट इन सैन्य अधिष्ठानों में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षकों के कार्यालय हैं।

प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे, बैनर व तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया। वे सैन्य अधिष्ठानों के बाहर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। यह प्रदर्शन भारत के कदम के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने के लिए किए गए।

प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी व आजादी समर्थक नारे लगाए। साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में उचित भूमिका निभाने का आह्वान किया।

32 साल के एक प्रदर्शनकारी अजीज अहमद ने कहा, यह दुनिया एक और फिलीस्तीन को बर्दाश्त नहीं कर सकती और हम ऐसा नहीं होने देंगे। एक व्यापक प्रचलित धारणा के अनुसार हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा सरकार कश्मीरी मुस्लिमों को उनके अपने ही घर से बेघर करने के लिए इजरायल से दिशा-निर्देश चाह रही है, जैसा कि इजरायल ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ किया है।

उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर के विवादित क्षेत्र में भारत को उसके खतरनाक योजनाओं को आगे बढ़ाने से रोकना चाहिए।

बहुत से लोगों ने पाकिस्तान सरकार से कश्मीर पर बिना कूटनीतिक, राजनीतिक व नैतिक समर्थन के आगे बढ़ने का आह्वान किया।

उसमा अवान ने पाकिस्तान सरकार का जिक्र करते हुए कहा, अल्लाह के लिए बयानबाजी बंद करें। आप इस विवाद में एक पक्ष हैं और आपको संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का हर अधिकार है।

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, आज, जब कश्मीरी अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। क्या पाकिस्तान के लिए नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन की पेशकश से आगे बढ़ने का समय नहीं आया है?

नीलम घाटी के ज्यादातर गांवों व कस्बों में भारत के कदम की निंदा करते हुए दुकानें बंद रखी गईं। हाल ही नीलम घाटी में नियंत्रण रेखा के साथ से क्लस्टर बमों की बमबारी हुई है।

कोटली के एक शहर में विशाल प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में लोगों ने आजादी समर्थक व भारत विरोधी नारे लगाए।

इसी तरह की रैलियां मीरपुर व एजेके के दूसरे कस्बों में हुईं।

चूंकि क्षेत्र को दूरसंचार सुविधाओं से वंचित कर बाकी दुनिया से अलग कर दिया गया है, इसलिए बंटवारे वाले बहुत से परिवार अपने लोगों की खैर-खबर नहीं ले पा रहे हैं।

--आईएएनएस

Created On :   7 Aug 2019 3:30 PM GMT

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