पाकिस्तानी संसद में उठी कश्मीर मुद्दे पर जंग की मांग

Pakistani parliament demands war on Kashmir issue
पाकिस्तानी संसद में उठी कश्मीर मुद्दे पर जंग की मांग
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इस्लामाबाद, 4 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में कश्मीरियों के साथ एकजुटता का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया लेकिन इस पर चर्चा के दौरान कश्मीर मुद्दे को हल करने पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखे मतभेद देखने को मिले। कुछ सांसदों ने कश्मीर मुद्दे पर जेहाद की मांग करते हुए कहा कि यह मसला जंग से ही सुलझेगा।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मतभेद केवल सत्ता पक्ष व विपक्ष के तेवरों में ही नहीं दिखा, बल्कि सत्ता पक्ष के बीच का विवाद भी तब सामने आया जब मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सीधे सीधे विदेश मंत्रालय और इसके मंत्री शाह महमूद कुरैशी को यह कहकर कठघरे में खड़ा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर जितनी पहल की, उसमें उन्हें विदेश मंत्रालय की अपेक्षित मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और कुछ अन्य सरकारी संस्थान ने कई ऐसे मौकों पर कदम नहीं उठाया, जब इन्हें उठाना चाहिए था।

प्रस्ताव पर बहस के दौरान, पक्ष व विपक्ष के सांसदों के बीच इसी बात की होड़ दिखी कि कौन कश्मीर पर कितनी सख्ती और मजबूती से अपनी बात रख पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सांसदों का कहना था कि महज भाषणों व प्रस्तावों से कुछ नहीं होगा और यह कि कुछ व्यावहारिक कदम उठाने होंगे।

इन कदमों का स्पष्ट शब्दों में खुलासा जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के सांसदों ने भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की मांग कर किया। सांसद अब्दुल अकबर चितराली ने तो इसके लिए बकायदा एक तिथि भी सुझा दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को औपचारिक रूप से दस फरवरी को भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान कर देना चाहिए। उनका कहना था कि महज इस एक ऐलान से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में खलबली मच जाएगी और दुनिया इस मसले को हल करने के लिए दखल दे देगी।

चितराली के बाद कुछ अन्य सांसदों ने भी यही राय व्यक्त की कि परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के पास बस यही एक विकल्प बचा है कि वह कश्मीर के लोगों को आजाद कराए और उपमहाद्वीप के बंटवारे के अधूरे एजेंडे को पूरा करे।

मौलाना चितराली ने जंग का सुझाव तब दिया जब कश्मीर मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल ने अक्टूबर महीने में इस्लामाबाद में लंबा धरना देकर कश्मीर की मुहिम को नुकसान पहुंचाया। इस पर चितराली ने कहा, हम कब करेंगे जेहाद? जेहाद का ऐलान करो।

गंडापुर ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने कश्मीर मुद्दे को उपेक्षित किया लेकिन मौजूदा सरकार इसे फिर से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ले आई है।

चर्चा के बाद नेशनल एसेंबली में कश्मीरियों के साथ एकजुटता का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया और भारत से मांग की गई कि वह जम्मू-कश्मीर को खुद में मिलाने के फैसले को रद्द करे। प्रस्ताव में मांग की गई कि कश्मीर मुद्दे पर इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की विशेष बैठक बुलाई जाए।

Created On :   4 Feb 2020 1:01 PM GMT

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