पाक कानून मंत्री ने दिया इस्तीफा, मौलवी और कट्टरपंथी हुए शांत

Pakistans Law Minister Zahid Hamid resigns after protest by molvi
पाक कानून मंत्री ने दिया इस्तीफा, मौलवी और कट्टरपंथी हुए शांत
पाक कानून मंत्री ने दिया इस्तीफा, मौलवी और कट्टरपंथी हुए शांत

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सरकार और उनके कानून मंत्री के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में जान-माल का काफी नुकसान हुआ। कट्टरपंथी धार्मिक समूहों से जुड़े प्रदर्शनकारियों और मौलवियों के इस प्रदर्शन के बाद आखिरकार पाक सरकार को झुकना ही पड़ा। पाक कानून मंत्री जाहिद हामिद ने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे पीएम हाउस ने स्वीकार कर लिया है।

बता दें कि अब तक हुए प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में 6 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। प्रदर्शन की वजह से तीन सप्ताह तक राष्ट्रीय राजधानी में गतिविधियां ठप रहीं। मुख्य मांगों को स्वीकार कर लिये जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रर्दशन बंद करने का आह्वान किया। कानून में किया गया संशोधन पहले ही वापस लिया जा चुका है।

कानून मंत्री जाहिद हामिद ने रात को प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच हुए समझौते के बाद इस्तीफा दिया था। पाक पीएम निवास के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि कानून मंत्री ने कल रात प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी को अपना इस्तीफा भेजा जिन्होंने उसे स्वीकार कर लिया। हामिद के इस्तीफे के बाद कट्टरपंथी धार्मिक समूहों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने इस्लामाबाद और कई अन्य शहरों में अपना प्रदर्शन बंद कर दिया है। समझाौते और हामिद के इस्तीफे के बाद टीएलवाई प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी ने देश भर में अपने अनुयायियों को धरना खत्म कर अपने घर लौटने का आदेश दिया है।

खत्म-ए-नबुव्वत संबंधीत कानून में बदलाव

राजधानी में पिछले तीन सप्ताह से धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी निर्वाचन कानून 2017 से जुड़े हलफनामे में खत्म-ए-नबुव्वत संबंधी एक कानून में हुए बदलावों के लिए कानून मंत्री को जिम्मेदार बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। तहरीक ए खत्म ए नबुव्वत, तहरीक ए लबाइक या रसूल अल्लाह टीएलवाई और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान एसटी धार्मिक समूहों ने तीन सप्ताह पहले प्रदर्शन शुरू किया था।

चुनाव सुधार कानून में बदलाव मंजूर नहीं

चुनाव सुधार कानून में कुछ बदलाव किया गया था, जिसे मौलवी और कट्टरपंथियों ने मानने से इनकार कर दिया था। चुनाव सुधार के संबंध में संसद में लाये गये संशोधन विधेयक के तहत नामांकन के दौरान दिये जाने वाले हलफनामे में बदलाव किया गया था। बदलाव से पहले मुसलमान उम्मीदवारों को अपने हलफनामे में यह लिखित देना होता था कि पैगम्बर मोहम्मद मुसलमानों के अंतिम पैगम्बर थे और उनके बाद और कोई नहीं होगा। संशोधन के दौरान इसी प्रावधान में तब्दीलियां की गयी थीं। इसके बाद यह विरोध प्रदर्शन उपजा था।

Created On :   27 Nov 2017 1:33 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story