अमेरिका को पाकिस्तान का जवाब, चीन से संबंध हिमालय से ऊंचा व अरब सागर से गहरा

Pakistans response to America, relations with China higher than Himalayas and deeper than Arabian Sea
अमेरिका को पाकिस्तान का जवाब, चीन से संबंध हिमालय से ऊंचा व अरब सागर से गहरा
अमेरिका को पाकिस्तान का जवाब, चीन से संबंध हिमालय से ऊंचा व अरब सागर से गहरा

इस्लामाबाद, 24 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर अमेरिका की चिंताओं को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने चीन के सहयोग से चल रही इस परियोजना को लेकर प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि चीन से उसे कोई समस्या नहीं आने वाली, चीन के साथ उसका संबंध हिमालय से ऊंचा व अरब सागर से भी गहरा है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को मुल्तान में कहा, हम (सीईपीसी पर) अमेरिका के मूल्यांकन से सहमत नहीं हैं और हमने यह बात बता भी दी है। सच तो यह है कि हमने सीपीईसी परियोजनाओं को गति प्रदान की है और इसके दूसरे चरण को लागू करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कुल कर्ज में चीनी कर्ज का हिस्सा बहुत कम है और सीपीईसी का केवल अच्छा ही प्रभाव होने जा रहा है। सीपीईसी पूरे क्षेत्र के लिए एक गेमचेंजर है और अमेरिका सहित किसी भी देश पर सीपीईसी के तहत विकसित विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निवेश करने पर रोक नहीं है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सूचना व प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने भी रविवार को ट्वीट की एक श्रृंखला कर सीपीईसी पर अमेरिकी संदेहों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान की शीर्ष प्राथमिकता है।

उन्होंने चीन के साथ भविष्य में किसी तरह की दिक्कत की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, पाकिस्तान और चीन के संबंध शहद से भी मीठे, हिमालय से ऊंचे और सागरों से भी गहरे हैं।

अवान ने रविवार को जिस भाषा में अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, ठीक उसी का इस्तेमाल शनिवार को पाकिस्तान के नवनियुक्त नियोजन मंत्री असद उमर ने किया था। उन्होंने सीपीईसी पर अमेरिका द्वारा चीन को लेकर जताए गए संदेहों के नकारते हुए कराची में कहा था, पाकिस्तान और चीन के संबंध हिमालय से भी ऊंचे और अरब सागर से भी गहरे बने रहेंगे।

उमर ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान की एकता (अमेरिका समेत) किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान में अमेरिकी निवेश का स्वागत करते हैं। अमेरिकी निवेशक पहले से ही यहां निवेश कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

उमर ने इसके साथ ही अमेरिका द्वारा केवल राजनैतिक कारणों से पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को रोके जाने पर सवाल भी उठाया।

गौरतलब है कि अमेरिका की दक्षिण एशिया मामलों की उप मंत्री एलिस वेल्स ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सीपीईसी से पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं होने वाला है। अगर इससे किसी को फायदा होगा तो वह चीन ही होगा। उन्होंने कहा था कि इस परियोजना के लिए चीन से लिया गया कर्ज पाकिस्तान के लिए संकट बना रहेगा।

 

Created On :   24 Nov 2019 6:30 PM IST

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