पनामा गेट: एक 'फॉन्ट' में उलझे नवाज, गिर सकती है सरकार

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। कहते हैं कि नकल के लिए भी अकल की जरूरत होती है। कुछ इसी तरीके का मामला पनामा गेट के मामले में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम शरीफ के साथ भी सामने आया है।
मामले की जांच कर रही ज्वाइंट इन्वेस्टीगेशन टीम (जेआईटी) का कहना है कि नवाज और मरियम पनामा पेपर्स मामले में जो दस्तावेज उन्हें सौंपे हैं, वे फर्जी हैं। जेआईटी ने कहा कि सौंपे गए दस्तावेज 2006 के हैं और उनमें Calibri फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है। असल में माइक्रोसॉफ्ट ने यह फॉन्ट एक साल बाद 2007 में लांच किया। अब सवाल यह खड़ा हुआ है कि 2007 को लांच हुए फॉन्ट में लिखे 2006 में कैसे पेश किए गए ? जेआईटी को यह शक है कि कहीं न कहीं यह दस्तावेज 2007 के हैं और इन्हें फर्ज़ी तरीके से पेश किया गया है, ताकि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को धोखे में रखा जा सके।
वास्तव में यह गलती जेआईटी भी नहीं पकड़ पाई। नवाज़ और मरियम ने जो दस्तावेज सौंपे थे, उन्हें लंदन की एक फॉरेंसिक लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया था। उसमें यह बात सामने आई है कि मूल दस्तावेज और हलफनामें के साथ पेश किए गए दस्तावेज में कोई मेल नहीं है और उनके फॉन्ट भी अलग-अलग हैं। इस नई जानकारी के सामने आने के बाद नवाज़ और उनकी उत्तराधिकारी बेटी मरियम के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए है। अगर सुप्रीम कोर्ट भी जेआईटी के आरोपों के सही ठहराता है तो नवाज़ की कुर्सी जा सकती है।
Created On :   12 July 2017 4:01 PM IST