पेरिस समझौते में 1.5˚C लक्ष्य का रास्ता, जी20 समूह के बग़ैर सम्भव नहीं - यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में तय 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य के लिये, जी20 समूह के देशों को एक सुस्पष्ट संकल्प दर्शाने की आवश्यकता है.
इटली के नेपल्स शहर में 23-25 जुलाई को जी20 समूह देशों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक हुई, मगर इस दौरान दो अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई.
इसके बाद रविवार को महासचिव गुटेरेश की ओर से यह बयान जारी किया गया है.
इनमें चरणबद्ध ढँग से कोयले पर निर्भरता घटाने और वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य है.
यूएन प्रमुख ने एक बयान जारी कहा, “जी20 के नेतृत्व के बग़ैर इस लक्ष्य तक पहुँचने का कोई मार्ग नहीं है.”
“उन अरबों लोगों को इस संकेत की सख़्त ज़रूरत है, जो पहले से ही जलवायु संकट के अग्रिम मोर्चे पर हैं, और बाज़ारों, निवेशकों व उद्योगों को भी, जिन्हें निश्चितता की ज़रूरत है कि नैट शून्य जलवायु सहनशील भविष्य अवश्यम्भावी है.”
उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि विज्ञान के सभी संकेत दर्शाते हैं कि महत्वाकाँक्षी, मगर प्राप्त होने योग्य लक्ष्य को पाने के लिये, दुनिया को वर्ष 2050 से पहले कार्बन तटस्थता पर पहुँचना होगा.
साथ ही वर्ष 2010 के स्तर की तुलना में, 2030 तक ख़तरनाक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 45 फ़ीसदी की कटौती करनी होगी. उन्होंने सचेत किया कि फ़िलहाल, दुनिया इस रास्ते से दूर है.
इस वर्ष अक्टूबर महीने के अन्त में स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में आयोजित हो रहे संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन में 100 दिन से भी कम का समय बचा है.
यूएन प्रमुख ने सभी जी20 देशों व अन्य नेताओं से इस सदी के मध्य तक, कार्बन तटस्थता (नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन) हासिल करने का संकल्प लेने, पहले से ज़्यादा महत्वाकाँक्षी राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं को पेश करने और ठोस नीतियों व कार्रवाईयों का खाका तैयार करने की पुकार लगाई है.
इन प्रयासों के अन्तर्गत, वर्ष 2021 के बाद कोयले की नई योजनाओं में निवेश ना करने, जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध ढँग से हटाने और कार्बन की एक न्यूनतम अन्तराष्ट्रीय क़ीमत तय की जाने की बात कही गई है.
‘एकजुटता पैकेज’
यूएन महासचिव गुटेरेश ने कहा कि जी7 और अन्य विकसित देशों को, विकासशील देशों के लिये एक विश्वसनीय एकजुटता पैकेज के वादे को साकार करना होगा.
इसके तहत 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करना होगा, जलवायु वित्त पोषण में अनुकूलन और सहनक्षमता मद में समर्थन को बढ़ाकर 50 फ़ीसदी तक करना होगा.
साथ ही सार्वजनिक व बहुपक्षीय विकास बैन्कों को अपनी जलवायु निवेश सूचियों (portfolios) को विकासशील देशों की आवश्यकताओं को पूरा करने के अनुरूप बनाना होगा.
यूएन प्रमुख ने बताया कि उनकी मंशा, संयुक्त राष्ट्र महासभा के आगामी उच्चस्तरीय सत्र के अवसर का उपयोग, विश्व नेताओं को साथ लाने में करना है, ताकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर राजनैतिक समझ पर पहुँचा जा सके.
उनके मुताबिक सहमति के इस ‘पैकेज’ की स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में होने वाली जलवायु शिखर बैठक के लिये होगी.
अब इन मुद्दों पर, अक्टूबर 2021 में रोम में होने वाली बैठक पर चर्चा होगी, जिसके ठीक एक दिन बाद जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलन (कॉप26) की शुरुआत होगी.
श्रेय- संयुक्त राष्ट्र समाचार
Created On :   26 July 2021 7:38 PM IST