दक्षिण चीन सागर पर भारत की वकालत, मोदी-ट्रम्प चाहते हैं सबसे मजबूत आर्मी

PM narendra modi and donald trump met in asean summit
दक्षिण चीन सागर पर भारत की वकालत, मोदी-ट्रम्प चाहते हैं सबसे मजबूत आर्मी
दक्षिण चीन सागर पर भारत की वकालत, मोदी-ट्रम्प चाहते हैं सबसे मजबूत आर्मी

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति भी आसियान सम्मेलन में विमर्श का विषय रही। भारत इस सामरिक क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से मुक्त और खुला रखने का हिमायती रहा है। वहीं दूसरी ओर ASEAN समिट के दौरान नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात के बाद मंगलवार को अमेरिकी व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों ही नेता चाहते हैं कि अमेरिका और भारत दुनिया की सबसे मजबूत आर्मी बनें।

 

ASEAN समिट में दक्षिण चीन सागर पर भारत की वकालत को काफी महत्व दिया जा रहा है। यह जरूरी भी था। चीन इस पूरे क्षेत्र पर अपना दावा जताता रहा है, लेकिन वियतनाम, फिलीपींस और ब्रुनेई जैसे आसियान के कई सदस्य देश चीन के इस दावे का विरोध करते हैं। पीएम मोदी ने आसियान नेताओं से कहा, "हम क्षेत्र में कानून आधारित सुरक्षा व्यवस्था के लिए आसियान को अपना समर्थन जारी रखेंगे।"

 

भारत समेत 4 देशों की बैठक से चीन चिंतित

भारत और अमेरिका सहित चार देशों की रविवार को हुई बैठक को लेकर चीन पहले से चिंतित है। इसी बीच मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में संयुक्त प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत को इसके चलते बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। आसियान के सदस्य देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्षेत्र के लिए नियम आधारित सुरक्षा व्यवस्था ढांचे के लिए भारत आसियान को अपना समर्थन जारी रखेगा। मोदी के इस बयान को इशारों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ हमला माना जा रहा है।

 

भारत-अमेरिका को बनना होगा ताकतवर आर्मी

गौरतलब है कि मनीला में चल रही आसियान समिट (आसियान शिखर सम्मेलन) के दौरान सोमवार को मोदी और ट्रम्प की मुलाकात हुई थी। चार महीने में मोदी और ट्रम्प की यह दूसरी मुलाकात थी। इसी मुलाकात के बाद मंगलवार को व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया, मोदी और ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप आगे ले जाने पर जोर दिया। दोनों ने ही कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के दो महान लोकतंत्र हैं और इन्हें इसी रास्ते पर चलते हुए दुनिया की सबसे मजबूत और ताकतवर आर्मी भी बनना होगा।

 

Created On :   14 Nov 2017 3:24 PM GMT

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