इराक में लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल करने का प्रस्ताव, विरोध तेज

डिजिटल डेस्क, बगदाद। इराक में इस्लाम को लेकर बढ़ती कट्टरता से सभी वाकिफ हैं। यहां धर्म की आड़ में कई ऐसी नीतियां लागू कर दी जाती हैं, जिन्हें दुनिया का हर देश कई बार सोचेगा। हाल में इराक में एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया गया जिसका उसके ही देश में काफी विरोध किया जा रहा है। दरअसल यहां मुस्लिम लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया है। जिसके तहत लड़कियों की न्यूनतम उम्र की सीमा और कम करने पर जोर दिया गया। अब-तक लड़कियों की शादी करने की उम्र 18 साल तक थी, लेकिन ताजा प्रस्ताव के अंतर्गत इसे घटाकर 9 साल करने पर जोर दिया गया है। इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध भी हो रहा है, कहा जा रहा है कि इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद बच्चियों से रेप के मामले बढ़ जाएंगे।
पैगम्बर का दिया हवाला
कंजरवेटिव शित्ते के प्रतिनिधियों ने 31 अक्टूबर को 1959 के कानून में संशोधन के साथ एक बिल पेश किया। इस कानून में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है। अब नए कानून के तहत शित्ते और सुन्नी समुदाय के धार्मिक नेताओं की सहमति पर किसी भी उम्र की लड़की की शादी हो पाएगी। लिबरल इंडिपेंडेंट सांसद फाइक अल-शेख ने कहा कि इसके कारण जजों को शित्ते और सुन्नी उलेमाओं की बात मानने के लिए बाध्य होना होगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम ने 9 साल की लड़कियों की शादी की इजाजत है ठीक उसी उम्र में जब आयशा की पैगम्बर से शादी हुई थी।
सोशल मीडिया पर भी इस प्रस्ताव की आलोचना की जा रही है। पूर्व सैनिक हैदी अब्बास ने कहा कि "यह कानून इस्लामिक स्टेट के लिए सही है जो बच्चों के रेप को कानूनी जामा पहनाता है।" बसरा शहर के एक टीचर अली लफ्ता (40) ने कहा कि ये निर्दोष बच्चों की हत्या जैसा है। इराक में मौजूद विदेशी मिशनों और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी आलोचना की है और साथ ही महिलाओं-लड़कियों के खिलाफ भेदभाव को संस्थागत बनाने को लेकर आगाह किया है।
Created On :   24 Nov 2017 2:25 PM IST