पाकिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने कंटेनर को बनाया आशियाना
इस्लामाबाद, 4 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी के सेक्टर एच-9 में तीसरी रात बिताने के बाद जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आजादी मार्च के प्रदर्शकारियों और सहयोगी दलों को यह स्थान अब घर जैसा महसूस होने लगा है।
इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी एडमिनिस्ट्रेशन (आईसीटीए) ने उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से रास्त रोकने के लिए कंटेनरों को रखा था, प्रदर्शनकारी जिनका उपयोग रहने के लिए कर रहे हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, मौसम का मिजाज इस्लामाबाद में कुछ बदला है और चूंकि मार्च में शामिल सभी प्रदर्शनकारी अपने तंबू लेकर नहीं आए हैं, ऐसी परिस्थिति में उन्होंने ठंड से बचने और रहने के लिए इन कंटेनरों को अपना आशियाना बना लिया है।
आगे क्या करना है, इस पर पेशावर मोर के पास मोर्चा संभाले हुए प्रदर्शनकारियों को नेतृत्व के संकेतों का इंतजार है। प्रतीक्षा कर रहे ये लोग उन कंटेनरों के अंदर सो रहे हैं, जिन्हें उनको पकड़कर बंद करने के लिए लाया गया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि बैरिकेड्स हटाने या शिकायत करने में समय बर्बाद करने के बजाय, उन्होंने कंटेनरों की शरण में रहना ही स्वीकार कर लिया है। मुख्य कंटेनरों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था अंसारुल इस्लाम के वॉलंटियर्स द्वारा की जा रही है।
विरोध स्थल के पास विभिन्न स्टॉल लगाए गए हैं, जहां बाजार मूल्य पर वस्तुएं उपलब्ध हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा भोजन, पेय, फलों की चाट, दही भल्ले, और चाय के स्टॉल यहां पर लगाए गए हैं। इसके अलावा सूखे मेवे और पानी की बोतलें भी बेची जा रही हैं।
समाचार पत्र के अनुसार, मार्च में शामिल लोगों को अपने कपड़े धोते और आस-पास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए जाते हुए भी देखा जा सकता है।
विरोध स्थल के पास बिजली की कोई सुविधा नहीं है, ऐसी में प्रदर्शनकारियों को अपने प्रियजनों और यहां तक कि एक दूसरे से संपर्क रखने में परेशानी हुई।
लेकिन ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए कुछ प्रदर्शनकारी अपने साथ सौर पैनल लाए हुए हैं, जिससे वे अपने मोबाइल और अन्य उपकरणों को चार्ज कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की राजधानी में हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ इन दिनों आजादी मार्च का गवाह बनी हुई है। मौलाना फजलुर रहमान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान के इस्तीफे, देश में दोबारा चुनाव और एनआरओ (नेशनल रेकन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस) पर अड़े हुए हैं।
Created On :   4 Nov 2019 6:01 PM IST