अंतरिक्ष में जल्द चमकेगा इंसान का बनाया पहला 'तारा' !

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अंतरिक्ष में जल्द चमकेगा इंसान का बनाया पहला 'तारा' !
डिजिटल डेस्क, नई दल्ली। दुनिया में अब कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे इंसान गढ़ नहीं सकता है। इसी कोशिश में रूस ने दुनिया का पहला आर्टिफीसियल स्टार मतलब इंसान के बनाए गए तारे को लांच किया है, जो जल्द ही अंतरिक्ष की कक्षा में होगा और हमें धरती से चमकता दिखाई देगा। यह वह दौर है जब इंसान अपनी सीमाओं के भी पार पहुंचने की तैयारी कर रहा है। आज की इस वैज्ञानिक दुनिया में इंसान प्रकृति को चुनौती देने से भी बाज नहीं आ रहा है। वही काम जो प्रकृति किया करती थी, वही अब इंसान ने शुरू कर दिया है। आपने अक्सर आर्टिफिशियल सैटेलाइट के बारे में सुना होगा, लेकिन अब इससे भी कई कदम आगे दुनिया का पहला आर्टिफिशियल स्टार रुस ने लॉन्च कर दिया है।
 
इस स्टार को 'Mayak' नाम दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आर्टिफिशियल स्टार इतना चमकदार है, कि दुनिया के किसी भी कोने से इसको देखा जा सकता है। इसे मॉस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के इंजीनियरों ने बनाया है। इसे 14 जुलाई को रुस के बाएकोनूर स्पेसपोर्ट से Soyuz 2.1A रॉकेट से लॉन्च किया गया है। 
क्या है Mayak की खासियत ? 
 
दुनिया के पहले आर्टिफिशियल स्टार Mayak की खासियत जानकर आप हैरान हो जाएंगे। इसे बनाने वाले इंजीनियर्स का कहना है कि ये आसमान में सबसे तेज चमकने वाला सितारा होगा, इसकी रोशनी इतनी चमकदार होगी कि इसे दुनिया के किसी भी कोने से देखा जा सकेगा। इसके अलावा इसे बनाने के लिए जिस पॉलिमर फिल्म का इस्तेमाल किया गया है, वो इंसानी बालों से भी 20 गुना ज्यादा पतली है। पिरामिड जैसा दिखने वाला ये रिफ्लेक्टर 170 स्क्वॉयर फीट बड़ा है। 
 
किस कारण बनाया गया इसे? 
 
इस प्रोजेक्ट के लीडर अलेक्ज़ेंडर शैन्को का कहना है कि इसका मकसद अंतरिक्ष की कई इंटरेस्टिंग चीजों को दिखाना है। इसके साथ ही ये स्टार अंतरिक्ष में तैर रही सारी गंदगी को अपनी और घसीट लेगा और उसे जला देगा। इसके अलावा उनका कहना है कि इसका उद्देश्य रुस में स्पेस रिसर्च को प्रमोट करना है। 
 
कितना खर्च आया इसमें? 
 
Mayak को लॉन्च करने में करीब 20 हजार डॉलर (लगभग 12,88,000 रुपए) का खर्च आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पूरे पैसे को क्राउड फंडिंग के जरिए इकठ्ठा किया गया है।
 
App भी होगा लॉन्च
 
इसे बनाने वाले इंजीनियर्स का कहना है कि जल्द ही इसकी एंड्रायड और आईओएस एप भी लॉन्च की जाएगी, जिसके बाद इसे कोई भी लोकेट कर सकेगा। खबर है कि ये आर्टिफिशियल स्टार धरती के ऑर्बिट में प्रवेश कर चुका है, हालांकि इसे अभी तक अंतरिक्ष में लोकेट नहीं किया जा सका है। 

Created On :   21 July 2017 11:13 AM IST

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